रांची: हेमंत सरकार ने राज्य भर के महाविद्यालयों में शिविर लगाकर 18 से 20 वर्षों की बेटियों को मईया योजना का लाभ देने को कहा है।आवश्यकता आधारित सहायक प्राध्यापक इस बात का स्वागत करता है। लेकिन संघ राज्य सरकार से यह भी मांग करता है कि इन महाविद्यालयों में पढ़ाने वाले आवश्यकता आधारित सहायक प्राध्यापकों की मांगों को भी ध्यान रखा जाए। उनकी मांग बस इतनी है कि बिरसा कृषि विश्वविद्यालय की भांति सभी आवश्यकता आधारित सहायक प्राध्यापकों को बेसिक सैलरी के साथ टीए, डीए और एचआरए देकर सैलरी को फिक्स 82442 रूपए किया जाए। इस बात की जानकारी आवश्यकता आधारित सहायक प्राध्यापक संघ के अध्यक्ष डॉ त्रिभुवन साही ने दी। उल्लेखनीय है कि ये प्राध्यापक सात सालों से महाविद्यालयों में अपना योगदान दे रहे हैं लेकिन सरकार इनकी मांगों की ओर ध्यान नहीं दे रही है जबकि झारखंड के उच्च शिक्षा में इनका योगदान अहम है।
