30 अगस्त को जमीन लूट समेत कई मामलों को लेकर आदिवासी संगठन DC कार्यालय का घेराव करेंगे. आदिवासी महासभा के देवकुमार धान का कहना है कि झारखंड बने हुए 24 साल हो गए है लेकिन आज भी आदिवासियों की जमीन पर अतिक्रमण जारी है सरकार इसके खिलाफ किसी तरह का कोई कदम नहीं उठा रही है. झारखंड बनने के बाद उस समय के तत्कालीन सीएम शिबू सोरेन ने कहा था कि वह आदिवासियों की जमीन उन्हें लौटाएंगे लेकिन इसके बाद भी उस जमीन का दखल दिहानी नहीं हुआ. सीएम रहते रघुवर दास ने भी दखल दिहानी का विज्ञापन निकाला लेकिन इस पर किसी तरह का कोई काम नहीं हुआ.
DC की मिलीभगत से आदिवासियों की जमीन लूटी जा रही
इस मामले में अनुसूचित जनजाति आयोग की सदस्य डॉ. आशा लकड़ा का भी बड़ा बयान सामने आया है. डीसी पर हमलावर होते हुए आशा लकड़ा ने कहा कि रक्षक ही भक्षक होते जा रहे हैं झारखंड में DC की मिलीभगत से आदिवासियों की जमीन लूटा जा रही है. आदिवासियों की जमीन पर अतिक्रमण के जिम्मेदार उपायुक्त और एसएसपी है. दरअसल, एसएसपी और उपायुक्त को आयोग की ओर से निर्देश दिया है कि प्रत्येक थाना में एसटी केस दर्ज कराने की व्यवस्ता करें. विभिन्न थानों में केस दर्ज करने के बाद उसे जिले को ट्रांसफर किया जाएग. लेकिन अभी तक ऐसी व्यवस्था नहीं की गई है.