झारखंड में लगातार हो रही उत्पाद सिपाही की मौत सियासी रूप ले लिया है. बीजेपी अब इस मुद्दे को राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग में उठाएगी की बात कह रही है. बीजेपी नेताओ का कहना है कि वह राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग में फार्म भरने के एक वर्ष बाद शारीरिक परीक्षा कराए जाने की जांच की मांग करेगी. इसके साथ ही मृतकों के परिजनों को झारखंड सरकार द्वारा 50-50 लाख रुपए दिए जाने की मांग की है.
मृतकों के परिजनों को बीजेप देगी एक-एक लाख
सोमवार को असम के सीएम हेमंत सोरेन और झारखंड भाजपा के चुनाव सह प्रभारी हिमंता विस्वा सरमा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित कर मृतकों को एक-एक लाख देने का ऐलान किया. हिमंता विस्वा सरमा ने कहा कि भाजपा नेता मृत अभ्यर्थियों के परिजनों से मुलाकात करेंगे और उन्हें एक-एक लाख का चेक देंगे.
इसके साथ ही हिमंता ने अभ्यर्थियों के मौत का जिम्मेदार हेमंत सरकार को बताया. हिमंता ने कहा 2023 में उत्पाद सिपाही का फॉर्म भरवाया गया, अक्टूबर, नवंबर में परीभा लेनी चाहिए थी लेकिन सरकार 2024 के भीषण गर्मी में शारीरिक परीक्षा ले रही है. जिसकी वजह से छात्र की मौत हो रही है.
बीजेपी ने परीक्षा स्थगित करने का अनुरोध किया
इसके साथ ही हिमंता ने सरकार से 15 अगस्त तक परीक्षा स्थगित करने का अनुरोध किया है. बीजेपी नेता ने कहा इसके बाद आचार संहिता लागू होने के बाद भी सरकार परीक्षा लेती है तो भाजपा को कोई आपत्ति नहीं है लेकिन सरकार अभ्यर्थियों को एक ग्लास दूध और एक सेब खाने के लिए दें.