गुरुवार को बिरसा मुंडा के परपोते ही रिम्स में इलाज के दौरान मौत हो गई. उनके मौत के लिए अस्पताल को जिम्मेदार ठहराया जा रहा है जिसकी वजह भी है हादसे वाले दिन मंगल मुंडा को अस्पताल में बेड तक नहीं मिली. पूरी रात उन्हें एम्बुलेंस में ऑक्सीजन लगाकर रखा गया था 26 नवंबर को पूर्व सीएम मुख्यमंत्री अर्जुन मुंडा के एक फोन कॉल के बाद रिम्स के डॉक्टरों ने उनकी जांच शुरू कर दी. हालांकि उनकी मौत हो गई. जिसके बाद बीजेपी नेताओं द्वारा लगातार इसपर सवाल खड़े किए जा रहे हैं.
झारखंड में व्यवस्था की हुई है हत्या
पूर्व सीएम चंपाई सोरेन और बाबूलाल मरांडी ने इसे हत्या करार दिया है. उन्होंने ट्वीट कर लिखा है धरती आबा भगवान बिरसा मुंडा के परपोते मंगल मुंडा जी का असामयिक निधन अत्यंत दुखद और हृदय विदारक है। सड़क दुर्घटना में गंभीर रूप से घायल होने के बाद जिस तरह से उन्हें इलाज के लिए तड़पना पड़ा, वह हमारी व्यवस्था की संवेदनहीनता को दर्शाता है। इतनी नाजुक स्थिति में भी उन्हें समय पर ट्रामा सेंटर में बेड नहीं मिला। इलाज शुरू करने में 10 घंटे की देरी हुई। परिजनों को ₹15,000 की दवाएं भी खुद खरीदनी पड़ीं। अबुआ सरकार में एक गरीब आदिवासी की जिंदगी की कीमत आज बस इतनी ही रह गई है। यह केवल मंगल मुंडा जी की मौत नहीं, बल्कि व्यवस्था के द्वारा उनकी हत्या है। जिस झारखंड को बिरसा मुंडा के आदर्शों पर चलना चाहिए था, वहां उनके वंशज के साथ ऐसा व्यवहार होना हर संवेदनशील व्यक्ति को झकझोर कर रख देता है। क्या आज हमारी सरकार और व्यवस्था में गरीबों की कोई जगह नहीं बची है? यह सवाल सिर्फ मंगल मुंडा के परिवार का नहीं, बल्कि झारखंड के हर गरीब आदिवासी का है।
डॉ. की लापरवाही ने ली बिरसा मुंडा के वंशज की जान
चंपाई सोरेन ने भी इसको लेकर सवाल खड़े किए है उन्होंने कहा भगवान बिरसा मुंडा के वंशज मंगल मुंडा की मृत्यु हो गई है रिम्स जैसे बड़े हॉस्पीटल में भी उन्हें भर्ती नहीं लिया गया. डॉक्टर की उनकी लापरवाही की वजह से उनकी मौत हुई है. झारखंड की सरकार ने शहीद परिवार को भी नजरअंदाज कर दिया.