'अपनी दिशा से भटक चुकी है जेएमएम', पार्टी छोड़ते हुए इमोशनल हुए चंपाई

‘अपनी दिशा से भटक चुकी है जेएमएम’, पार्टी छोड़ते हुए इमोशनल हुए चंपाई

रांची राजनीति
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राजनीति में चंपई एक नई पारी की शुरूआत करने जा रहे है. 28 अगस्त को दिल्ली से रांची पहुंचने के कुछ देर बाद ही उन्होंने ई-मेल के जरिए झारखंड मुक्ति मोर्चा की प्राथमिक सदस्यात एवं सभी पदों से इस्तीफा दे दिया. इस्तीफे की कॉपी उन्होंने ई-मेल के जरिए हेमंत से सचिव को भेजी. वहीं इसकी हार्ड कॉपी 29 अगस्त को सीएम और स्पीकर को भेज दी जाएगी. 30 अगस्त को चंपाई भाजपा मे शामिल हो जाएंगे. चंपाई सोरेन का कहना ह कि आदिवासी अस्मिता और उनके अस्तित्व को बचाने के लिए उन्होंने पीएम मोदी और गृह मंत्री अमित शाह के नेतृत्व में आस्था जताई है.

परिवार के जैसा था मेरे लिए जेएमएम

जेएमएम को लिखे इस्तिफे में चंपाई ने लिखा है आदरणीय गुरु जी, मैं जेएमएम की वर्तमान कार्यशैली एवं नीतियों से विक्षुब्ध होकर पार्टी छोड़ रहा हूं. आपके मार्गदर्शन में जिस पार्टी का सपना हम जैसे कार्यकर्ताओं ने देखा था, एवं जिसके लिए जंगलों, पहाड़ों एवं गांवों की खाक छानी थी, आज पार्टी अपनी उस दिशा से भटक चुकी है. जेएमएम मेरे लिए एक परिवार जैसा रहा. मैंने कभी नहीं सोचा था कि मुझे इसे छोड़ना पड़ेगा. लेकिन कुछ दिनों के घटनाक्रम की वजह से मुझे बहुत ही पीड़ा के साथ यह कठिन निर्णय लेना पड़ा है. स्वास्थ्य की वजह से आप सक्रिय राजनीति से दूर है और मैं आपके अलावा पार्टी में कोई फोरम नहीं है जिसे मैं अपने मन की बात कह सकता हूं. इसलिए मैं जेएमएम की प्राथमिक सदस्यता एवं सभी पदों से इस्तीफा देता हूं.

सरायकेला से 7 बार विधायक रह चुके हैंं चंपाई

चंपाई सोरेन अलग राज्य के आंदोलनकारी रहे हैं. भारतीय राजनीतिज्ञ के साथ वह जेएमएम के संस्थापक सदस्य भी हैं. चंपाई की कोल्हान के 14 सीटों पर विशेष पकड़ है. चंपाई 7 बार विधायक चुने गए हैं. वह झारखंड में सरायकेला निर्वाचन क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करते हैं. हेमंत सरकार में मंत्री और सीएम भी रह चुके हैं चंपई. पहली बार वह सरायकेला विधानसभा क्षेत्र से 1991 उपचुनाव में विधायक चुने गए.1 सितंबर 2010 से 18 जनवरी 2013 तक विज्ञान और प्रौद्योगिकी, श्रम और आवास कैबिनेट मंत्री तथा 13 जुलाई 2013 से 28 दिसंबर 2014 तक खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति, परिवहन कैबिनेट मंत्री का पदभार संभाला। 2019 में झारखंड विधानसभा में सरायकेला से विधायक और परिवहन, अनुसूचित जनजाति, अनुसूचित जाति एवं पिछड़ा वर्ग कल्याण कैबिनेट मंत्री का पद संभाला। 31 जनवरी 2024 को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की गिरफ्तारी के बाद, वह झारखण्ड के मुख्यमंत्री बने।

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