
सत्ता का मज़ा भी, विरोध का ढोंग भी
रांची : भाजपा प्रदेश प्रवक्ता प्रतुल शाहदेव ने कांग्रेस के चुनाव आयोग और एस आई आर के खिलाफ प्रदर्शन पर कटाक्ष करते हुए कहा कि यह सिर्फ़ एक राजनीतिक नाटक है। उन्होंने कहा, “अगर कांग्रेस को चुनाव आयोग और मतदाता सूची पर भरोसा नहीं है, तो पहले अपनी ही कुर्सियां छोड़ने की हिम्मत दिखाए। सिर्फ़ दिल्ली की सड़कों पर मार्च करने से ईमानदारी साबित नहीं होती।”
प्रतुल ने आंकड़े गिनाते हुए कहा कि देश में कांग्रेस के पास 3 मुख्यमंत्री, 99 लोकसभा सांसद, 31 राज्यसभा सांसद और 714 विधायक हैं। झारखंड में कांग्रेस के 12 विधायक और 4 मंत्री सत्ता का मज़ा ले रहे हैं। उन्होंने सवाल उठाया— “अगर चुनाव आयोग पक्षपाती है, तो इन्हीं चुनावों से जीते आपके मुख्यमंत्री, सांसद और विधायक भी अवैध हैं। फिर इस्तीफ़ा क्यों नहीं देते? पहले इस्तीफ़ा दीजिए, फिर सड़कों पर आंदोलन कीजिए। सत्ता की मलाई भी खाना और सड़कों पर ड्रामा भी करना— यह जनता अब बर्दाश्त नहीं करेगी।”
प्रतुल शाहदेव ने कहा कि कांग्रेस का रवैया बिल्कुल वैसा है जैसे “चित भी मेरी, पट भी मेरी, और खेल भी मेरा”। जनता इस दोहरे और ढोंगी चरित्र को समझ चुकी है और आने वाले चुनावों में इसका हिसाब चुकता करेगी।
प्रतुल ने कहा कि कांग्रेस की दोहरी राजनीति सामने आ गई जब कर्नाटक में कांग्रेस के सहकारिता मंत्री के॰एन॰ राजन्ना ने अपनी पार्टी पर सार्वजनिक रूप से यह सवाल उठाया कि जब वोटर लिस्ट में गड़बड़ी (मतदाता सूची में अनियमितताएँ) हो रही थीं, तो कांग्रेस उस समय चुप क्यों रही। कांग्रेस ने जवाब देने की जगह अपने मंत्री से इस्तीफा ही ले लिया।यही है कांग्रेस के यहां प्रश्न पूछने का नतीजा।
