
Ranchi: Aashadhi Pooja- सदियों से चली आ रही परंपरा के तहत बुधवार को कांके के मिसिर गोंदा में बिरसा विकास जन कल्याण समिति के तत्वधान में अषाढ़ी पूजा की गई.
पूजा में मौजा के पाहन बिरसा मुंडा एवं बुद्धिजीवी चिल्गु उरांव के नेतृत्व में कई महिला पुरुष जमा हुए. मौजा के लोगों ने पारंपरिक परिधान में महिलाएं सिर पर लोटा में पानी भरकर मड़ई, बुढ़वा महादेव एवं सरना अखड़ा स्थल में संयुक्त से पूजा स्थल पहुंचे. जहां विधिविधान के साथ देवी मड़ई में पूजा की गई.
वहीं रीति रिवाज के साथ बकरा एवं रंगवा चरका मुर्गा की बलि दिया गया. इस दौरान अच्छी बारिश, गांव की सुख समृद्धि और खुशहाली की कामना की गई.
इस अवसर पर मौजा के पाहन बिरसा मुंडा एवं बुद्धिजीवी चिल्गु उरांव ने कहा कि आषाढ़ी पूजा आदिवासियों के जीवन का बहुत महत्वपूर्ण अंग है.
पुरा जीवन कृषि पर निर्भर है, गाँव मे अच्छी बारिश , गाँव के खुशहाली, सुख-शान्ति, दुख -रोग से निरोग , समृद्धि की कामना, सामुहिक एकरूपता के साथ देवी मड़ई से मन्नत मांगा.

वहीं समिति के अध्यक्ष अनिल उराँव ने कहा कि आदिवासी समाज मे आषाढ़ी पूजा की परंपरा सदियों से चली आ रही जो कि और यह पूजा आज भी आदिवासी समाज में पूरे विधिविधान, पूजा पद्धति, परंपरागत एवं हर्षोल्लास के साथ आषाढ़ माह चढ़ने के बाद पूरे राज्य में यह पूजा मनाया जाता है. इस पूजा में उन्नत कृषि के संरक्षण संवर्धन, समयानुकूल पर्याप्त बारिश और फसलों के रोग विध्न आदि निवारण के लिए किया जाता है.
पूजा में मुख्य रूप महादेव उराँव, जग्गनाथ उराँव , सोनू खलखो , कृष्णा उराँव , विशाल लिंडा , विनय उराँव , विक्की बांडो , अमित लिंडा , शांति उराँव , पुतल उराँव , , प्यारी बांडो , पूनम उराँव , दोंका उराँव , पूनम बांडो सहित गाँव के लोग उपस्थित थे.