वो गीत तो सुने ही होंगे की, न उम्र की सीमा हो न जन्मों का हो बंधन…जब प्यार करे कोई तो देखें केवल मन, अरे जब से सुप्रीम कोर्ट समलैंगिक रिश्ते को मान्यता दिया है. तब से हर रोज ऐसा खबर तो सुर्ख़ियों में ही रहता. हाँ, वो अलग बात है की अभी तक समलैंगिक विवाह को भारत में मान्यता नहीं दिया गया. लेकिन समलैंगिक जोड़ों को कुछ सीमित कानूनी मान्यता प्रदान किया गया है. लेकिन कहा नहीं जाता कि प्यार के बाद का रास्ता शादी का ही होता है.
तो बस ! ये प्रेमी अपने रिश्ते को शादी के बंधन में बाँध लेते. लेकिन आज हम बिहार के गोपालगंज में हुई एक ऐसी शादी की बात कर रहे है जो अटपटी सी है. इस अनोखी शादी ने सबका ध्यान आकर्षित किया है. दरअसल, ये शादी मामी और भांजी के बीच हुई है. मामी व भांजी का प्यार इस कदर परवान चढ़ा कि दोनों ने एक साथ जीने व मरने की कसमें खा लीं. मामी और भांजी के बीच तीन साल से प्यार परवान चढ़ा और अब दोनों ने एक-दूसरे से शादी भी रचा ली है.

मामी और भांजी ने एक मंदिर में एक-दूसरे को माला पहनाई और फिर सात फेरे लेने के बाद एक-दूसरे के साथ जीने मरने की कसमें भी खाईं. ये दोनों समाज को पीछे छोड़कर एक-दूसरे के हो गए. दोनों ने भागकर मंदिर में शादी की है . वही इस मामले में मामी ने बताया कि उसे उसकी भांजी बहुत सुंदर लगती है, इसलिए उन्हें उससे प्यार हो गया. मामी ने बताया कि मुझे डर था कि कहीं भांजी की शादी किसी और के साथ हो जाती तो वो उसे छोड़कर चली जाती, इसलिए दोनों ने साथ में रहने के लिए एक-दूसरे से ही शादी कर ली.
