झारखंड में मंत्रिमंडल का विस्तार हो गया है नए कैबिनेट में छह नए मंत्रियों को जगह दी गई है जिसमें झामुमो से तीन, कांग्रेस से दो और राजद के एक मंत्री शामिल है. जेएमएम से गिरिडीह से सुदिव्य कुमार सोनू, गोमिया विधायक योगेंद्र प्रसाद और बिशुनपुर से विधायक चमरा लिंडा को पहली बार मौका मिला है.
दूसरी बार विधायक बने सुदिव्य कुमार
अगर हम बात करें तो सुदिव्य कुमार सोनू को वह गिरिडीह से लगातार दूसरी बार विधायक चुने गए हैं पहली बार हेमंत कैबिनेट में उन्हें जगह मिली है. वहीं गोमिया विधायक योगेंद्र प्रसाद भी दूसरी बार विधायक बने है. 2024 के विधानसभा चुनाव में उन्होंने जेएलकेएम प्रत्याशी पूजा कुमारी को हराकर जीत दर्ज की. इससे पहले 2014 के चुनाव में उन्होंने बीजेपी प्रत्याशी माधवलाल सिंह को शिरकत दी थी.
2014 में जेएमएम में शामिल हुए योगेंद्र प्रसाद
योगेंद्र प्रसाद ने राजनीतिक करियर की शुरूआत पंचायत अध्यक्ष के रूप में की थी. 1991 में कांग्रेस पार्टी से हजारीबाग जिला उपाध्यक्ष बने. 1995 में जिलाध्यक्ष बने. हालांकि उसके बाद कांग्रेस छोड़कर तत्कालीन मुख्यमंत्री लालू यादव की जनता जल में शामिल हो गए. 2000 में झारखंड अलग राज्य बनने के बाद आजसू में शामिल हो गए. गोमियो से विधानसभा चुनाव भी लड़ा हालांकि उनकी हार हुई. हालांकि इस बीच वह पार्टी के केंद्रीय महासचिव के पद पर भी बने रहे. 2014 के विधानसभा में टिकट कटने से नाराज होकर वह जेएमएम में शामिल हो गए. और पहली बार गोमिया से विधायक बने. इस बीच वह जेएमएम के केंद्रीय प्रवक्ता और सचिव भी रहें.
2018 में हुई थी विधायकी रद्द
2018 में एक मामले में उनकी विधायकी रद्द कर दी गई जिसके बाद उपचुनाव में उनकी पत्नी बबीता देवी विधायक बनी. 2019 में हुए विधानसभा में उनकी पत्नी बबीता देवी आजसू प्रत्याशी डॉ. लंबोदर महतो से हार गई. 2022 में योगेंद्र महतो झारखंड राज्य समन्वय समिति का सदस्य और बाद में झारखंड के पिछड़ा वर्ग आयोग के अध्यक्ष बनाए गए.
2009 से लगातार चुनाव जीतते आ रहे चमरा लिंडा
चमरा लिंडा की बात करें तो वह बिशुनपुर से झामुमो के विधायक है. 2009 से लगातार वो इस सीट पर जीतते आ रहे हैं. 2005 के विधानसभा चुनाव में चमरा लिंडा पहली बार निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में चुनाव लड़ा था लेकिन उन्हें मात्र 569 वोट मिलें. 2009 के विधानसभा चुनाव में राष्ट्रीय कल्याण पक्ष के टिकट पर चुनाव लड़ा और पहली बार विधायक बनकर विधानसभा पहुंचे. इसके बाद जेएमएम के टिकट पर 2014, 2019 और अब 2024 में लगातार जीत दर्ज की.
2024 के लोकसभा चुनाव से पहले चमरा लिंडा जेएमएम से बगावत कर लोहरदगा से निर्दलीय पर्चा भरा जिसके बाद पार्टी ने उन्हें जेएमएम से निलंबित कर दिया. हालांकि इस चुनाव में उन्हें हार का सामना करना पड़ा. वह तीसरे नंबर पर रहें. विधानसभा चुनाव से पहले जेएमएम ने उन्हें पार्टी में शामिल कर बिशुनपुर से टिकट दिया और वो चौथी बार विधायक बने. 2024 के विधानसभा की बात करें तो चमरा लिंडा बीजेपी के समीर उरांव को 32,756 वोटों से हराया. चमरा लिंडा को कुल 1,00,336 वोट मिलें.