The Jan Sabha: वीपी शंट माइग्रेशन के साथ दुर्लभ इंसीजनल हर्निया का पारस हॉस्पिटल में किया गया सफल इलाज

झारखंड
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Rare incisional hernia with VP shunt migration successfully treated at Paras Hospital

न्यूरो सर्जरी टीम और एमआईएस ( मिनिमल इनवेसिव सर्जरी) टीम ने करीब तीन घंटे तक सर्जरी कर मरीज की जान बचाई ,जानलेवा दर्द से महिला मरीज को मिली राहत

रांची : HEC के पारस अस्पताल के डॉक्टरों ने वीपी शंट माइग्रेशन के साथ दुर्लभ इंसीजनल हर्निया का सफल ऑपरेशन कर मरीज की जान बचाई. 50 साल की एक महिला मरीज दाहिने पेट में गंभीर दर्द और सूजन की शिकायत लेकर पारस अस्पताल पहुंची. महिला ने बताया कि वह असहनीय दर्द से गुजर रही है. कई सरकारी और निजी अस्पतालों में दिखायी, मगर कहीं उसका इलाज नहीं हो पाया.
पारस के डॉक्टरों ने महिला को अस्पताल में एडमिट कर लिया. फिर उनका इलाज शुरू किया. जांच में पाया कि बड़े आकार की सिस्टिक सूजन 15 सेमी X 15 सेमी, दाहिने पेट क्षेत्र में भी छोटी सिस्टिक सूजन थी जिसका डॉक्टरों ने पूरे पेट का सीटी स्कैन कराया.

जिसमें पाया कि बड़े आकार का ब्रेन का पानी सिस्ट के रूप में जमा हैं ब्रेन का पानी को संट कर एक नली के द्वारा पेट के अंदर किसी अन्य अस्पताल मैं कुछ वर्ष पूर्व ऑपरेशन क़िया गया था । अभी पाया गया कि वह नली हर्निया के द्वारा पेट से निकल छाती के नीचे एवं पेट के ऊपर एक सिस्ट के अंदर पड़ा हुआ था जिससे ब्रेन का पानी पेट के अंदर नहीं जा पा रहा था । न्यूरोसर्जन डॉक्टर संजय कुमार एवं डॉक्टर पैट्रिक मिज ने इस शंट के नली को दुरुस्त कर, पेट के अंदर दूरबीन के मदद से डाला एवं सिस्ट को काट कर निकाला ।


डॉक्टर मेजर रमेश दास एवं डॉक्टर ओमप्रकाश, मिनिमली इंवेशिव लेप्रोस्कोपिक सर्जन की टिम ने दूरबीन के द्वारा बड़े से हर्निया का ऑपरेट कर मेस डाल कर रिपेयर क़िया। इसे टीम सहयोग से, एक ही बेहोशी में,सभी विभाग के विशेषज्ञ के मौजूद रहने के कारण, यह संभव हो पाया,तथा मरीज़ को जल्द राहत और कम खर्च में अस्पताल से छुट्टी दे पाना संभव हो पाया ।


पारस एचईसी अस्पताल के फैसिलिटी डायरेक्टर डॉ नीतेश कुमार ने बताया की पारस एचईसी अस्पताल में मरीज़ों का विशेष ख़्याल रखा जाता है। मरीज़ों की स्थिति के अनुसार हमारी टीम उनकी सेवा में सदैव तत्पर रहती है। हमें गर्व है कि हमारे पास बेस्ट डॉक्टर्स और चिकित्सा सुविधा हैं जो की मरीज़ और बीमारी के देख कर जरुरत के अनुसार अपना सामन्जस्य बना का मरीज़ को ठीक करने में सहयोग करते हैं ।

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