रांची: आदिवासी छात्र संघ की ओर से पहली बार रांची कॉलेज में सरहुल पर्व के अवसर पर सरहुल पूर्व संध्या समारोह का आयोजन किया गया। समारोह में मुख्यतिथि मांडर विधायक शिल्पी नेहा तिर्की, विशिष्ट अतिथि सरना सदान मूलवासी मंच के केंद्रीय अध्यक्ष सूरज टोप्पो, सोनू खलखो, अजीत लकड़ा, लक्ष्मी नारायण लकड़ा, सुशील उरांव, डब्लू मुंडा, अनिल उरांव, प्रदीप मिर्धा उपस्थित थे।
मौक़े पर उपस्थित सूरज टोप्पो ने कहा कि 2018 में झारखण्ड के पूर्व राज्यपाल एवं भारत के वर्तमान राष्ट्रपति महोदया द्रौपदी मुर्म के द्वारा श्यामा प्रसाद मुखर्जी के परिसर में आखड़ा का शिलान्यास किया गया था ताकि कॉलेज के छात्र छात्राएं अपने परंम्परा और संस्कृति को नजदीक से समझ सके। किंतु मात्र एक वर्ष के अंदर उस अखाड़ा को बास्केट बॉल कोर्ट बनाव दिया गया वह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है।
आदिवासी समन्वय समिति के संयोजक लक्ष्मी नारायन मुंडा ने कहा कि आदिवासियों का सबसे बड़ा पर्व सरहूल का आगमण हो गया है। आदिवासी मुलवासी समाज में खुशी का महौल है छात्र छात्राएं सुदूर क्षेत्रो से आकर छात्र छात्राएं लॉज में रहकर पढ़ाई करते है और सरहूल के दिन अपने गांवों में जाकर पुरे विधि विधान के साथ ढोल,मांदर,नगाड़ा के साथ रिझ रंग के साथ साथ बनाते है।
समारोह के आयोजक अध्यक्ष विवेक तिर्की ने आदिवासी छात्र संघ के समस्त सदस्यों, साथी छात्र छात्राओं के प्रति आभार व्यक्त किया। कार्यक्रम में मुख्य रूप विवेक तिर्की, पवन कुमार, रितु कच्छप, मीना कुजूर, अपर्णा बाड़ा, पूर्णिमा मुँड़ाईन, रवि आदि उपस्थित थे।
