लोकसभा चुनाव से पहले जेएमएम में बड़ा उलटफेर होने वाला है एक तरफ जहां चंपई सोरेन के झामुमो छोड़कर बीजेपी में शामिल होने की अटकलें तेज हो रही है तो दूसरी ओर सीता सोरेन की घर वापसी की चर्चा चर्चा तेज हो गई है. कहा जा रहा है कि हेमंत सोरेन की भाभी और जामा सीट से तीन बार की विधायक रही बीजेपी विधायक सीता सोरेन की जल्द घर वापसी हो सकती है.
झारखंड की कमान नहीं मिलने पर जेएमएम से बगावत की थी सीता सोरेन
जेएमएम में अंदरूनी कलह की वजह से बगावत कर सीता सोरेन बीजेपी में शामिल हो गई थी, जिसका फायदा भी उन्हें मिला, बीजेपी ने उन्हें दुमका से लोकसभा की टिकट दी. लेकिन चुनाव परिणाम ने उन्हें झटका दे दिया. झामुमो के नलिन सोरेन ने सीता सोरेन को 13056 वोटों से पटखनी दे दी. इस चुनाव में सीता सोरेन को 354936 वोट मिलें, जबकि झामुमो के नलिन सोरेन को 367992 वोट मिले. सीता सोरेन की हार की वजह भी बीजेपी को बताया जा रहा है सूत्रों के मुताबित साजिशन बीजेपी ने सीता सोरेन को हराया है हालांकि इस हार के बाद सीता सोरेन को उम्मीद थी कि उन्हें केंद्र में जगह मिलेगी, या बीजेपी उन्हें राज्यसभा भेजेगी. लेकिन ऐसा कुछ भी नहीं हुआ.
जेएमएम से अलग होते ही हेमंत सोरेन पर सीता सोरेन ने लगाए थे कई आरोप
बतादें कि जमीन घोटाले मामले में सीएम हेमंत सोरेन के जेल जाते ही जेएमएम में अंदरूनी कलह शुरू हो गई थी. हेमंत सोरेन की भाभी सीता सोरेन झारखंड का कमान अपने हाथ में लेना चाहती थी. लेकिन उनकी जगह चंपई सोरेन को पार्टी की कमान सौंपी गई, जिससे सीता सोरेन नाराज हो गई और उन्होंने जेएमएम का साथ छोड़ दिया और बीजेपी में शामिल हो गई. इस दौरान वो लगातार हेमंत सोरेन पर हमलावर रही. उन्होंने हेमंत सोरेन पर कई आरोप भी लगाए. सीता सोरेन का कहना है कि बाबा(शिबू सोरेन) उनके पति(दुर्गा सोरेन) और उन्होंने संघर्ष किया, जिसका नतीजा है कि झारखंड उन्हें मिला. हेमंत और कल्पना सोरेन ने कोई संघर्ष नहीं किया, इसके बाद भी हमने उन्हें सत्ता दी, इसके बाद भी वो हमारी इज्जत करना भूल गए, झारखंड को चारागाह बना दिया.
जामा विधानसभा से चुनाव लड़ेगी सीता सोरेन
हालांकि अब चर्चा है कि सीता सोरेन जेएमएम में विधानसभा चुनाव से पहले शामिल हो जाएंगी. एक परिवार में होने के कारण सीता सोरेन का हेमंत सोरेन, कल्पना सोरेन से मिलना जुलना होता रहा है, सीएम हेमंत भी घर के मान सम्मान को बनाए रखने के लिए सीता सोरेन को मनाने में लगे हुए हैं. घर की अंत:कलह को सुलझाने की कोशिश में लगे हुए हैं. अपना भविष्य संरक्षित करने के लिए वह घर वापसी कर सकती है, दिशोम गुरु के सम्मान के लिए भी सीता सोरेन घर वापसी करेगी, ऐसी बातें गांव घर के चौक चौराहे पर सुनने को मिल रहा है. लोगों का कहना है कि बीजेपी सीता सोरेन के भविष्य के लिए सही नहीं है.इससे कहा जा रहा है सीता सोरेन जल्द ही घर वापसी करेगी और जामा विधानसभा से चुनाव लड़ेगी