झारखंड में चुनाव का ऐलान हो चुका है पहले चरण में 43 सीटों के लिए 13 नवंबर को चुनाव होगा. दूसरे चरण में 38 सीटों के लिए 20 नवंबर को चुनाव होगा. ऐसे में अभ्रक के लिए प्रसिद्ध देश-दुनिया में कोडरमा में पहले फेज यानि 13 नवंबर को मतदान होगा. इस बार कोडरमा का चुनाव दिलचस्प होता दिख रहा है. कोडरमा सीट पर दो बार से लगातार विधायक रही भाजपा की डॉ. नीरा यादव एक बार फिर मैदान में है तो दूसरी ओर राजद ने सुभाष यादव को टिकट दिया है. तो वहीं 2019 के चुनाव में कोडरमा सीट से आजसू की प्रत्याशी रही शालिनी गुप्ता निर्दलीय चुनाव लड़ रही है. उनके चुनाव लड़ने से कोडरमा का मुकाबला त्रिकोणीय हो गया है.
1998 से 2009 तक राजद जीतती रही है
कोडरमा का राजनीतिक इतिहास काफी दिलचस्प रहा है. कभी कांग्रेस के एकाधिकार वाले क्षेत्र में राजद ने अपना पैठ जमा लिया. तो वहीं अब पिछले दो चुनाव से इस सीट पर भाजपा की नीरा यादव लगातार जीत रही है. 1998 से लेकर 2009 तक राजद इस सीट से लगातार चुनाव जीतती रही. राजद के इस गढ़ में पहली बार 2014 में भाजपा की उम्मीदवार डॉ. नीरा यादव ने सेंध लगाई और उस समय की मंत्री रही अन्नपूर्णा देवी को पराजित कर दिया.
1952 में अस्तित्व में आया है कोडरमा
1952 में अस्तित्व में आया कोडरमा विधानसभा सीट पर कांग्रेस, संघर्ष सोशलिस्ट पार्टी और राजद का प्रभाव रहा. इस सीट पर जनता पार्टी और संघर्ष सोशलिस्ट पार्टी को भी सफलता मिली है. 2014 के चुनाव में यहां से पहली बार भाजपा जीती.
यादव-मुस्लिम का दबदबा रहा है कोडरमा
कोडरमा विधानसभा क्षेत्र की बात करें दो यहां पांच लाख से अधिक मतदाता है. जिनमें पुरुष वोटर 207236, जबकि 199462 महिला मतदाता और थर्ड जेंडर 14 है. इनमें यादव, मुस्लिम और पिछड़ा वर्ग के मतदाताओं का दबदबा है जबकि कुर्मी-कोयरी मतदाताओं की भी अच्छी पकड़ है. 81 विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र में कोडरमा सामानय् श्रेणी की विधानसभा सीट है यह कोडरमा संसदीय सीट के तहत आती है झारखंड की एक ऐसी विधानसभा सीट है जहां महिला नेता का बोलबाला रहा है.
2014 में पहली बार भाजपा जीती
कोडरमा की राजनीति 1990 से 2009 तक रमेश प्रसाद यादव और उनकी पत्नी के इर्द-गिर्द घूमती रही. जनता दल से पहली बार रमेश प्रसाद यादव 1990 में विधायक चुने गए. 1995 में भी उनकी जीत हुई. हालांकि कार्यकाल पूरा करने से पहले रमेश प्रसाद यादव की मौत हो गई. 1998 के उपचुनाव में सहानुभूति लहर के बीच रमेश प्रसाद यादव की पत्नी राजद की अन्नपूर्णा देवी ने भाजपा के रमेश सिंह को हराया. इसके बाद वह लगातार तीन बार 2000, 2005, 2009 में चुनाव जीती.
2009 विस चुनाव परिणाम
उम्मीदवार | पार्टी | मिले मत |
अन्नपूर्णा देवी | राजद | 46922 |
रमेश सिंह | झाविमो | 29639 |
विजय कु. साव | भाजपा | 27654 |
2014 विस चुनाव परिणाम
उम्मीदवार | पार्टी | मिले मत |
डॉ. नीरा यादव | भाजपा | 84874 |
अन्नपूर्ण देवी | राजद | 71349 |
भीम साव | झाविमो | 10629 |
2019 विस चुनाव परिणाम
उम्मीदवार | पार्टी | मिले मत |
डॉ. नीरा यादव | भाजपा | 63675 |
अमिताभ चौधरी | राजद | 61878 |
शालिनी गुप्ता | आजसू | 45014 |
1952 से कोडरमा से कौन रहा विधायक
वर्ष | उम्मीदवार | पार्टी |
1952 | अवध बिहारी दीक्षित | कांग्रेस |
1957 | जीपी त्रिपाठी | छोटानागपुर संताल परगना जनता पार्टी |
1962 | अवध बिहारी दीक्षित | कांग्रेस |
1967 | विश्वनाथ मोदी | संघर्ष सोशलिस्ट पार्टी |
1969 | विश्वनाथ मोदी | संघर्ष सोशलिस्ट पार्टी |
1972 | राजेंद्र नाथ दां | कांग्रेस |
1977 | विश्वनाथ मोदी | जनता पार्टी |
1980 | राजेंद्र नाथ दां | कांग्रेस |
1085 | राजेंद्र नाथ दां | कांग्रेस |
1990 | रमेश प्रसाद यादव | जनता दल |
1995 | रमेश प्रसाद यादव | जनता दल |
1998 | अन्नपूर्णा देवी | राजद |
2000 | अन्नपूर्णा देवी | राजद |
2005 | अन्नपूर्णा देवी | राजद |
2009 | अन्नपूर्णा देवी | राजद |
2014 | नीरा यादव | भाजपा |
2019 | डॉ़ नीरा यादव | भाजपा |