रमजान के महीने में रोजेदार चालक अधिक सावधानी बरतें
मेदांता हाॅस्पिटल रांची के न्यूरोसर्जन डाॅ. आनन्द कुमार झा ने सड़क सुरक्षा को लेकर चालकों को किया जागरूक
रांची: मेदांता अब्दुर रज्जाक अंसारी मेमोरियल वीवर्स हॉस्पिटल, रांची के न्यूरोसर्जन डाॅ. आनन्द कुमार झा ने कहा कि रमजान के महीने में सड़क सुरक्षा को लेकर विशेष जागरूकता लाने की आवश्यकता है। चाहे रोजेदार चालक हो या अन्य चालक सभी को सावधानी से गाडियां चलानी चाहिए क्योंकि सुबह की सेहरी, शाम की नमाज तथा रोजा खुलने के बाद सड़क पर चहल-पहल बढ़ जाती हो, तो इन समयों में गाड़ियों को सतर्कता के साथ चलाना पड़ता है।
इस दौरान लोगों के सामूहिक प्रयास की भी जरूरत पड़ती है ताकि दुर्घटना से बचा जा सके। उन्होंने सड़क सुरक्षा के कुछ उपाय भी बताये। गाड़ी चलाने के दौरान रोजेदार चालक को थकान और शरीर में पानी की कमी होने के कारण गाड़ी चलाने में दिक्कतें आ सकती हैं। इसलिए उन्हें दुर्घटनाओं का जोखिम कम करने के लिए अतिरिक्त सावधानी की जरूरत पड़ती हैं। इसके लिए उन्हें पर्याप्त आराम करने की जरूरत पड़ती है तथा गैर रोजा के समय पर पर खान-पान पर विशेष ध्यान देना चाहिए ताकि शरीर में पानी की कमी न हो।
इस दौरान रोजेदार चालक का गाड़ी चलाते वक्त ध्यान भटक सकता है जिससे उसकी एकाग्रता में कमी आ सकती है। इसके लिए उसे सड़क पर ज्यादा ध्यान केन्द्रित करना ज्यादा महत्वपूर्ण होता है। रमजान के दौरान काम के घंटे में बदलाव, देर रात की नमाज (तरावीह) और सुबह की सेहरी के कारण ट्रैफिक में बदलाव हो सकता है। इससे यातायात की भीड़ बढ़ सकती है तथा ड्राइविंग में भिन्नता आ सकती है। चालकों को इन परिवर्तनों की जानकारी होनी चाहिए। कुछ क्षेत्रों में रमजान के दौरान भीड़-भाड़ के घंटों में बदलाव हो सकता है। इस दौरान अगर चालक सतर्क न रहे तो दुर्घटना की आशंका बनी रहती है।