ओडिशा के राज्यपाल और झारखंड के पूर्व सीएम विधायक रघुवर दास की झारखंड की राजनीति में वापसी के कयास लगाए जा रहे हैं. झारखंड के चुनाव सह प्रभारी व असम सीएम हिमंता विस्वा सरमा से रघुवर दास की मुलाकात के बाद अटकलों का बाजार और गर्म हो गया. उनकी झारखंड की राजनीति में वापसी जदयू और बीजेपी के बीच पूर्वी जमशेदपुर सीट को लेकर पेंच सकता है. रघुवर दास पूर्व जमशेदपुर से कई बार के विधायक रहे हैं तो दूसरी ओर सरयू राय 2019 के विधानसभा चुनाव में पार्टी से बगावत कर बीजेपी के खिलाफ चुनाव लड़े थे जिसमें सरयू राय को जीत मिली थी. निर्दलीय जीतने के बाद सरयू फिलहाल जदयू में शामिल हो गए. और इसबार के चुनाव में जदयू-बीजेपी और आजसू साथ चुनाव लड़ रही है. ऐसे में झारखंड में सरयू राय की वापसी सीट बंटवारें में पेंच फंसा सकता है हालांकि केंद्र में जदयू की भागीदारी होने की वजह से अभी बीजेपी किसी भी हाल में नीतीश को नाराज नहीं करना चाहती है. रघुवर दास के झारखंड की राजनीति में वापसी पर बीजेपी नेता निशिकांत दुबे ने सफाई दी है.
पार्टी में कोई कन्फ्यूजन नहीं है
निशिकांत दुबे ने एक्स पर ट्वीट कर कहा है कि भाजपा में कोई कन्फ्यूजन नहीं है. केंद्रीय नेतृत्व ने माननीय रघुवर दास जी को उड़ीसा का राज्यपाल बनाया है पहली बार वहां बीजेपी अपने दम पर सरकार बनाने में कामयाब रही है. रघुवर दास झारखंड के मंत्री, मुख्यमंत्री, प्रदेश अध्यक्ष रहे हैं उन्हें यहां की राजनीति का अच्छा अनुभव रहा है. इसलिए वह उड़ीसा की नई सरकार को मार्ग दर्शन देंगे. फिलहाल उनपर बीजेपी के शीर्ष नेतृत्व फैसला लेगी.