रांची: झारखंड तिलहन और दलहन के उत्पादन में बेहतर कर सकता है। इसके लिए नाफेड का झारखंड में रीजनल सेंटर स्थापित करने की मांग झारखंड सरकार की कृषि मंत्री शिल्पी नेहा तिर्की ने की है। कृषि मंत्री सोमवार को दिल्ली में ” सहकार से समृद्धि ” की परिकल्पना को साकार करने की दिशा में अंतरराष्ट्रीय सहकारिता वर्ष 2025 के मंथन बैठक में शामिल हुई। इस बैठक में देश के सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के सहकारिता मंत्रियों ने हिस्सा लिया। देश के गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह के समक्ष कृषि मंत्री ने झारखंड के परिपेक्ष्य में अपना सुझाव रखा। उन्होंने कहा कि सहकारिता के क्षेत्र में झारखंड एक पिछड़ा राज्य है और इस राज्य को विशेष सहयोग की जरूरत है। झारखंड राज्य में सहकारिता को बढ़ावा देने के लिए राज्य में कुल 44 सौ एमपीसीएस संचालित है। केंद्रीय सहकारिता मंत्रालय को झारखंड के कुछ चुनिंदा एमपीसीएस को आर्थिक रूप से मदद पहुंचाने के लिए वर्किंग कैपिटल देने की जरूरत है।
भंडारण क्षमता को बढ़ाने के लिए गोदाम निर्माण में पैक्स के 10 प्रतिशत के अंशदान को माफ कर केंद्र सरकार के द्वारा 100 प्रतिशत की हिस्सेदारी से गोदाम का निर्माण सुनिश्चित कराया जाए। देश में फसल का भंडारण क्षमता मात्र 14 प्रतिशत है . इस स्थिति में धान की एमएसपी को लीगलाइज करना जरूरी है।
देश भर में 8 लाख को-ऑपरेटिव सोसाइटी है , लेकिन मात्र 15 सौ ही एसटी/एससी को-ऑपरेटिव सोसाइटी का संचालन हो रहा है। नई समितियों के गठन में एसटी/एससी को बढ़ावा दिया जाएं।
झारखंड के खूंटी जिला स्थित फुद्दी में ट्रेनिंग सेंटर का संचालन हो रहा है जहां बेहतर आधारभूत संरचनाएं पहले से मौजूद है। इस सेंटर को एनसीसीटी ट्रेनिंग सेंटर के रूप में विकसित किया जाएं।
