
रांची: डॉ लाल माझी, प्रभारी राज्य नोडल पदाधिकारी नेशनल लेप्रोसी इराडिक्शन प्रोग्राम ने कहा कि इस कार्यक्रम का उद्देश्य राज्य से कुष्ठ रोग को पूरी तरह से समाप्त करना और प्रभावित व्यक्तियों को समुचित चिकित्सा और सामाजिक सहायता प्रदान करना है। उन्होंने कहा कि ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में व्यापक जागरूकता अभियान चलाए जाएंगे, जिससे लोगों को कुष्ठ रोग के लक्षण, उपचार और रोकथाम के बारे में जानकारी मिल सके।
रंजीत पाठक, प्रशासनिक और वित्त पदाधिकारी नेशनल लेप्रोसी इराडिक्शन प्रोग्राम ने कहा कि सभी कुष्ठ रोगियों को नि:शुल्क चिकित्सा सेवाएं प्रदान की जाएंगी, जिसमें दवाएं, सर्जरी और पुनर्वास सेवाएं शामिल हैं। कुष्ठ रोग से प्रभावित व्यक्तियों के लिए समुदाय आधारित पुनर्वास कार्यक्रम चलाए जाएंगे, जिससे वे समाज में पुनः शामिल हो सकें और आत्मनिर्भर बन सकें। कुष्ठ रोग खोज अभियान 28 अगस्त से 13 सितंबर 2024 तक चलाया जाएगा ।
डॉ कमलेश कुमार ने कहा कि हमारा लक्ष्य है कि राज्य को कुष्ठ रोग मुक्त बनाना। इस दिशा में हम सभी आवश्यक कदम उठा रहे हैं और हमें विश्वास है कि हम इस लक्ष्य को प्राप्त करेंगे।” यह एक संक्रामक बीमारी है जो माइकोबैक्टेरियम नामक जीवाणु से होता है। दवा से पूर्णता यह ठीक हो जाता है।
इस बैठक में अकाई मिज, एनिमा किस्कू, अजय कुमार शर्मा, असीत कुमार मांझी, मनीष रंजन अन्य अधिकारी एवं कर्मचारियों भी उपस्थिति थे ।