
Ranchi: कर्मा पर्व, जिसे आमतौर पर करम पूजा के नाम से जाना जाता है, भाई-बहन के पवित्र रिश्ते, प्रकृति के सम्मान और कृषि समृद्धि का एक अनूठा और जीवंत त्योहार है। यह पर्व हर साल भाद्रपद (भादो) महीने की शुक्ल पक्ष की एकादशी को बड़े उत्साह और भक्ति के साथ मनाया जाता है।
वर्ष 2025 में, यह शुभ दिन 03 सितंबर, बुधवार को पड़ रहा है, जो पद्म एकादशी के साथ ही है। मुख्य रूप से झारखंड, छत्तीसगढ़, ओडिशा, बिहार और बंगाल के आदिवासी समुदायों द्वारा मनाया जाने वाला यह त्योहार, अपनी समृद्ध परंपराओं और गहरी पौराणिक कथाओं के लिए जाना जाता है।
करम पूजा एवं इंद जतरा की तैयारियों को लेकर बिरसा विकास जन कल्याण समिति मिसिर गोंदा का महत्वपूर्ण बैठक धुमकुड़िया घर मे संम्पन्न हुआ.
बैठक की अध्यक्षता गांव के धार्मिक प्रमुख पाहन बिरसा मुंडा एवं संचालन समिति के सचिव कृष्णा उराँव ने किया ।
इस अवसर पर मौजा के पहान राजा बिरसा मुंडा ने कहा कि दिनांक 03.09.2025 भादो एकादशी शुक्ल पक्ष के शुक्रवार के दिन उपवास एवं पारंपरिक रीति रिवाज के साथ शाम में 7 बजे से पूजा आरंभ दिनांक 04.09.2025 को परणा दिनांक 05.09.2025 को परंम्पारागत तरीके से करम राजा को गांव में भ्रमण कर विसर्जन किया जाएगा।
समिति के अध्यक्ष अनिल उराँव ने कहा इस वर्ष भी करम पूजा परंम्पारागत रीति रिवाज,विधि विधान एंव धार्मिक कर्मकाण्ड , मुर्गो की बलि प्रथा के साथ पुजा अर्चना सुनिश्चित किया जाएगा ।
इस दौरान समिति के पदाधिकारियों ने राज्य सरकार से मांग किया है कि करम पर्व पर तीन दिवसीय राजकीय अवकाश देना चाहिए। ताकि आदिवासी समाज का जो रूढ़िवादी परंपरा और भी बरकरार रहे ।
बैठक में मुख्य रूप से गांव के मुख्य बुद्धिजीवी चिलगु लकड़ा , समिति मुख्य संरक्षक एतवा मुंडा , संरक्षक नकुल तिर्की ,सूरजु उराँव , शिबू टोप्पो , संजय लकड़ा , सोनू खलखो , विश्वनाथ उराँव , मंगा उराँव , जग्गनाथ उराँव ,सुरेश टोप्पो ,अजय उराँव,महवीर उराँव, मदरु लिंडा ,धनेश्वर लकड़ा , ,मुन्ना गाड़ी , लोदो उराँव ,बिरसा बांडो,प्रदीप लकड़ा ,रोहित उराँव , राहुल उराँव , शिवा टोप्पो , आशीष लकड़ा , पुतुल उराँव , सुनीता उराँव , मुन्नी उराँव , अनिता गाड़ी , गंगया उराँव , मौजूद थे।