झारखंड की संस्कृति, एकता और उत्सव का प्रतीक है सोहराई जतरा: राजेश कच्छप

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संवाददाता, रांची/नामकुम : जतरा हमारे झारखंड की कला और संस्कृति को बढ़ावा और उसे बचाए रखता है. खिजरी विधायक सह कांग्रेस विधायक दल के उपनेता राजेश कच्छप ने ये बातें नामकुम के सरवल में आयोजित सोहराई जतरा सह एक दिवसीय फुटबॉल टूर्नामेंट के अवसर पर कहीं.


सोहराई जतरा झारखंड की लोक आत्मा का उत्सव है जहाँ मिट्टी की खुशबू, लोक संगीत की थाप और एकता की भावना झलकती है. यह सिर्फ एक पर्व नहीं बल्कि समाज, संस्कृति और प्रकृति के प्रति आभार का उत्सव है.

जतरा को संबोधित करते हुए विधायक राजेश कच्छप ने कहा कि हमारा समाज पड़हा व्यवस्था से चलता है और जल, जंगल और जमीन हमारी पहचान है. इनकी रक्षा करना ही हमारी संस्कृति की रक्षा है. इस दौरान उन्होंने सभी ग्रामीणों को सोहराई की शुभकामनाएं देते हुए स्थानीय युवाओं को खेल व संस्कृति से जुड़ने का आह्वान किया.

आगे श्री कच्छप ने कहा सोहराई जतरा जैसे आयोजन न केवल ग्रामीण समाज को जोड़ते हैं, बल्कि नई पीढ़ी में अपनी परंपराओं और संस्कृति के प्रति गर्व का भाव भी जगाते हैं . और इतिहास गवाह है कि जिस समाज की जड़ें संस्कृति में मजबूत हों, उसे कोई हिला नहीं सकता.


फुटबॉल टूर्नामेंट में कुल 16 टीमों ने भाग लिया.प्रतियोगिता में, प्रथम पुरस्कार बुरुकोचा, हाहाप को बड़ा खस्सी,द्वितीय पुरस्कार,जोरार पहचान टोली को खस्सी, तृतीय पुरस्कार, किशोर ब्रदर्स सरवल को खस्सी, चतुर्थ पुरस्कार, डोन बास्को स्कूल को खस्सी प्रदान किया गया.


शाम होते ही रात्रि आर्केस्ट्रा कार्यक्रम ने उत्सव को और रंगीन बना दिया. लोक गीतों की स्वर लहरियों से पूरा सरवल गाँव गूंज उठा.

इस अवसर पर जतरा समिति के संरक्षक लाल सिंह मुण्डा, अध्यक्ष रवि मुण्डा, उपाध्यक्ष अनुज कुमार महतो, सचिव बबलु टुटी, उप सचिव बबलु मुण्डा, कोषाध्यक्ष दिनेश महतो, संचालक कृष्णा कुमार महतो, सोमरा स्वांसी, मंगल मुण्डा, सुकरा मुण्डा, एएसआई जयदेव, वार्ड सदस्य अंशु मुण्डा, बिरसा महतो, दिनेश चन्द्र प्रमाणिक समेत अनेक गणमान्य लोग उपस्थित रहे.

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