इस त्यौहार लोकल दुकानों से खरीदारी करें शहरवासी-संजय अखौरी

कारोबार रांची
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रांची: एफएमसीजी डिस्ट्रीब्यूटरों की संस्था झारखण्ड कंज्यूमर प्रोडक्ट डिस्ट्रीब्यूटर्स एसोसियेशन ने त्यौहारी सीजन में शहरवासियों से स्थानीय बाजार से ही अपने जरूरत की सामान खरीदने की अपील की। जेसीपीडीए के अध्यक्ष संजय अखौरी ने कहा कि हाल के दिनों में ऑनलाइन खरीदी में उपभोक्ताओं के साथ फ्रॉड की शिकायतें बढ़ी हैं। त्यौहार के दौरान फर्जी ढंग से भी कई ई-कॉमर्स कंपनियां सक्रिय हो जाती हैं। वर्तमान में ऐसी कई कंपनियां सक्रिय हैं जहां उपभोक्ताओं को सस्ता सामान दिखाकर उन्हें खराब और एक्सपायरी वस्तुओं की आपूर्ति की जा रही है। ऑनलाइन खरीदी में टॉल फ्री नंबर या ई-मेल से उपभोक्ता की शिकायतों का निपटारा भी नहीं किया जाता है। यह सीधे-सीधे उपभोक्ताओं के साथ ठगी का मामला है। जबकि स्थानीय दुकानदार सर्विस देने के लिए अपने ग्राहकों के प्रति प्रतिबद्ध होते हैं। कंपनी भी सहयोग करती है और लोकल होने के कारण दुकानदार का ग्राहक से व्यक्गित संबंध भी होता है।

जेसीपीडीए ने इस बात पर चिंता जताते हुए कहा कि ई-कॉमर्स कंपनियों की मनमानी से देश का परंपरागत खुदरा व्यापार का स्तर दिन प्रतिदिन गिरता जा रहा है, जबकि समाज के उत्थान में ई-कॉमर्स कंपनियों का कोई योगदान नहीं होता है। यदि सरकार द्वारा ई-कॉमर्स की मनमानी पर जल्द नियंत्रण नहीं बनाया गया तब इससे स्थानीय व्यापारियों का व्यापार बाधित होगा। यह भी कहा गया कि हाल के दिनों में यह देखने को मिल रहा है कि एफएमसीजी व्यवसाय से जुड़ी बड़ी-बड़ी बहुराष्ट्रीय कंपनियां वे बड़े-बड़े मॉल को अधिक मार्जिन उपलब्ध कराती हैं जबकि व्यवसायिक उद्योग के परंपरागत डिस्ट्रीब्यूटर जो छोटे-छोटे दुकानों तक माल पहुँचाते हैं, उनकी अपेक्षा बहुत कम मार्जिन देती है, जिसका डिस्ट्रीब्यूटर व्यवसाय पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है। इससे छोटे-छोटे दुकानदार भी ग्रसित हैं। संजय अखौरी ने कहा कि एफएमसीजी सेक्टर बड़ी संख्या में रोजगार उपलब्ध कराता है यदि इस सेक्टर को प्रोत्साहन नहीं दिया गया तब भविष्य में अनइंप्लॉयमेंट की विकट समस्या उत्पन्न हो सकती है।

जेसीपीडीए के अध्यक्ष संजय अखौरी ने कहा कि उपभोक्ता दुर्गा पूजा की खरीदारी के लिए जब भी बाहर जायें तो वोकल फॉर लोकल का संकल्प याद रखें। आज पूरा विश्व भारत के स्थानीय उत्पादों के प्रति आकर्षित हो रहा है। बाजार में सामान खरीदते समय, स्थानीय उत्पादों को प्राथमिकता दें। प्रत्येक व्यक्ति यदि गर्व के साथ स्थानीय दुकानों से सामान खरीदेगा और उसके बारे में चर्चा करेगा तो उन उत्पादों को बनानेवालों का त्यौहार तो उल्लासपूर्वक बीतेगा ही स्वरोजगार से जुडे हुए लोगों के लिए भी यह बडा प्रोत्साहन होगा।

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