झारखंड विधानसभा चुनाव को लेकर राजनीतिक दल तैयारी पूरी कर ली है. 2019 की तरह 2024 के विधानसभा में मुकाबला एनडीए और इंडिया के बीच का है. हालांकि इसबार के चुनाव में नई पार्टियों की इंट्री एनडीए और इंडिया का खेल बिगाड़ सकती है. जेएलकेएम के अलावा छोटे दलों की इंट्री कई सीटों पर दोनों का खेल खराब कर सकती है. ऐसे में झारखंड के 81 विधानसभा सीटों में एक गढ़वा विधानसभा सीट पर भी त्रिकोणीय मुकाला है. जेएमएम ने एक बार फिर मिथिलेश ठाकुर पर भरोसा जताया है तो बीजेपी की ओर से सत्येंद्र नाथ तिवारी उम्मीदवार है वहीं जेकेएलएम ने सोनु कुमार यादव को टिकट दिया है.
एक प्रत्याशी ने दूसरी बार नहीं जीता
गढ़वा विधानसभा की बात करें तो झारखंड बनने के बाद इस सीट पर कोई भी पार्टी लगातार दूसरी बार जीत नहीं दर्ज की है. गढ़वा विधानसभा से 2005 में राजद से गिरि नाथ सिंह ने जीत दर्ज की. 2009 के चुनाव में झारखंड विकास मोर्चा(प्रजातांत्रिक) के सत्येंद्र नाथ तिवारी ने जीत दर्ज की. 2014 के चुनाव में सत्येंद्र नाथ ने भाजपा के टिकट पर जीता था वहीं 2019 के चुनाव में यहां पहली बार झामुमो के मिथिलेश ठाकुर जीतें.
राजद का गढ़ थी गढ़वा विधानसभा
पलामू प्रमंडल में आने वाला गढ़वा विधानसभा सीट कभी राजद का गढ़ हुआ करता था. हालांकि 2005 के बाद राजद यहां से कभी नहीं जीती. राष्ट्रीय जनता दल सबसे पहले 1993 के उपचुनाव में गढ़वा सीट से जीत हासिल की. इसके बाद लगातार 1995, 2000, 2005 के विधानसभा चुनाव में जीत दर्ज करती रही.
चार लाख से ज्यादा है वोटर्स
गढ़वा विधानसभा में मतदाताओं की संख्या 4 लाख 15 हजार 107 है. जिसमें पुरुष मतदाता 2 लाख 13 हजार 618 है. जबकि महिला मतदाताओं की संख्या 2 लाख 1 हजार 489 है.
2005 में जीती थी राजद
2005 के चुनाव की बात करें तो 21 उम्मीदवारों ने किस्मत आजमाया था. राजद ने यहां जीत का परचम लहराया था. गिरिनाथ सिंह को 34,374 वोट मिले थे. जदयू दूसरे नंबर पर रही थी. जेडीयू के उम्मीदवार सेराज अहमद अंसारी को 25,841 वोट मिले थे. बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी) के अनिल साव 18225 वोट के साथ तीसरे नंबर पर रहे थे.
2009 में झारखंड विकास मोर्चा ने लहराया था परचम
2009 में गढ़वा सीट पर 26 प्रत्याशियों ने नामांकन दाखिल किया था. इस चुनाव में बाबूलाल मरांडी की पार्टी झारखंड विकास मोर्चा (प्रजातांत्रिक) के सत्येंद्र नाथ तिवारी ने जीत दर्ज की थी. उन्हें 50,474 वोट मिले. आरजेडी के टिकट पर चुनाव लड़ने वाले कद्दावर नेता गिरिनाथ सिंह चुनाव हार गए. उन्हें 40,412 वोट मिले. तीसरे नंबर पर झामुमो के मिथिलेश कुमार ठाकुर रहे थे. उन्हें मात्र 14,180 वोट मिले.
2014 में जीती थी भाजपा
2014 में कुल 23 उम्मीदवारों ने भाग्य आजमाया. इस चुनाव में बीजेपी के सत्येंद्र नाथ तिवारी ने जीत दर्ज की. उन्हें 75,196 वोट मिले. वहीं आरजेडी दूसरे नंबर पर रही. उसके उम्मीदवार गिरिनाथ सिंह को कुल 53,441 वोट मिले थे. झामुमो के मिथिलेश कुमार ठाकुर तीसरे नंबर पर रहे थे. उनको कुल 47,579 वोट मिले थे.
2019 के चुनाव में यहां पहली बार झामुमो जीती. जेएमएम के मिथिलेश ठाकुर को 1 लाख 6 हजार 681 वोट मिले थे. वहीं बीजेपी दूसरे नंबर पर रही. भारतीय जनता पार्टी के सत्येंद्र नाथ तिवारी को 83,159 वोट मिले. बहुजन समाज पार्टी के प्रत्याशी बीरेंद्र प्रसाद तीसरे नंबर पर रहे. उन्हें 10,638 वोट मिले.