टंडवा टू केरेडारी, सिमरिया मार्ग पर हायवे की कब्जा व आतंक,तेज रफ्तार की कहर से ग्रामीण भयभीत

झारखंड
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हायवे की मनमानी से जनता परेशान,आम पब्लिक सड़क में हायवे की रहती है कब्जा

टंडवाःचतरा/- ओसेल,जेआरएल व समृद्धि एंटरप्राइजेज एंवम् अन्य कम्पनी की कोल ट्रांसपोर्टिंग की आतंक व यमदूत रूपी हायवे की प्रकोप से आमराहगीरों व स्थानीय लोगों की जा रही है जाने तथा संडकों के किनारे बसे ग्रमीणों की भय तले एवं धूलकणों की जहरीले व प्रदूषित वातवरण में आवगमन करना एवं सांसे लेना मजबूरी बन गया है। और विवश होकर अपने दिन बिताने को मजबूर हैं स्थानीय जनता। इस मामले में विभागीय अधिकारियों की खामोशी साफ देखा जा सकता है।

कानून को ताक पर रख होता है पब्लिक सड़कों से कोयला ढुलाई

कोल् ट्रांसपोर्टिंग कंपनियों को पब्लिक मार्गो में कोल ढुलाई करने की आख़िर किसने दी है विभागीय अनुमति? जिसका आज भी खुलासा या पत्र नहीं की गई है जारी? औद्योगिक नगरी के लाखो जनता को जीना बेहाल कर कुंभकर्णी के नींद में क्यों सो रहे हैं विभाग व नेता, खानापूर्ति क्यों चन्द रुपये की खातिर कितने बेगुनाहों की हो चुकी है मौत।

बड़े अधिकारियों व नेताओं की रहता है संरक्षण प्राप्त,राहगीर रहते परेशान: विकास पांडेय

स्थानीय निवासी विकास पाण्डेय कहते है की ओसेल नामक कोल हो या अन्य ट्रांसपोर्टिंग कंपनी की हायवे वाहन द्वारा हज़ारीबगा जिले के केरेडारी प्रखंड के चट्टीबारियतु माइंस से कोयला ढुलाई इन दिनों घनी आबादी क्षेत्रों के टंडवा,मिश्रौल, सिमरिया,बगरा होते हुवे टोरी साइडिंग कोयला बेधड़क पहुंचाया जा रहा है. कंही-कंही पब्लिक सड़कों में ही पार्किंग लगा हुआ रहता है पर करवाई नहीं होती जिससे आप समझ सकते हैं साहब की डिवटी.

हजारीबाग जिला के केरेडारी चट्टीबारियतु माइंस से टंडवा, सिमरिया,चतरा जिला होते हुवे पहुँचता है कोयला टोरी साइडिंग ये है मैनेजिंग पॉवर

हजारीबाग जिले के मुख्य सड़कों पर चतरा जिले के भारी-भरक्म हायवा वाहन तथा ट्रक वाहनो को लगया गया है प्रतिबंध तो हजारीबाग जिले के कोल हायवे वाहन चतरा जिला में क्यों कर रही है बेधड़क ढुलाई, विभाग क्यों है मेहरबान, कितने सौदा लेकर आमराहगीर लोगों को जिंदगियों के साथ कर रही है खिलवाड़,अलग से कोल ट्रांसपोर्टिंग करने की सड़कों की व्यवस्था वर्षों में क्यों नहीं की गई? विभाग इस ज्वलंत मुद्दे पर क्यों मौन साधे हुई हैं? इन गहन जन समस्याओं पर लोगों को आक्रोश होना भी मजबूरी देखा जा सकता है,लेक़िन इस उत्पीड़न का खामियाजा कब कैसे ना जाने इसका गहन चिंतन भी बड़ा विषय बन गया है.

मैनेजिंग के बल पर होता है कोल ट्रांसपोर्टिंग: राजेंद्र प्रसाद

विस्थापितों के नेता राजेन्द्र प्रसाद ने बताया की ओसेल नामक कोल हो या अन्य ट्रांसपोर्टिंग कंपनियां सभी माइनिंग से जुड़े बड़े पदाधिकारियों को मैनेज कर के बेधड़क ट्रांसपोर्टिंग करते हैं.

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