झारखंड में दिख रहा बंदी का असर, आरक्षण में क्रीमी लेयर के खिलाफ सड़क पर उतरे आदिवासी-दलित

झारखंड में दिख रहा बंदी का असर, आरक्षण में क्रीमी लेयर के खिलाफ सड़क पर उतरे आदिवासी-दलित

झारखंड
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sc/st आरक्षण में सुप्रीम कोर्ट द्वारा क्रीमीलेयर लागू करने के खिलाफ दलित संगठनों ने आज भारत बंद का ऐलान किया है. भारत बंद का असर यूपी, बिहार, झारखंड, राजस्थान समेत कई राज्यों में दिख रहा है बाजार, स्कूल, प्राइवेट संस्थाएं बंद कर दी गई है लेकिन सरकारी दफ्तरें खुली हुई है. सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ दलित संगठन सड़कों पर उतर आए है, देश के कई हिस्सों में आगजगी भी की गई है.

कांग्रेस और राजद ने भी किया बंद का समर्थन

यूपी की बात करें तो हाथरस, हापुड़, आगरा जैसे जिलों में भारत बंद का असर तो दिख रहा है लेकिन कानपुर, प्रयागराज, नोएड जैसे शहर में यह असर बेअसर दिख रहा है. वहीं बिहार में दरभंगा, नवादा, जहानाबाद जैसे जिलों में भारत बंद का असर ज्यादा दिख रहा है. प्रदर्शनकारियों ने दुकानें बंद करवा दीं है. झारखंड के भी कुछ शहरों में बंदी का असर दिख रहा है. बड़े शहरों में बंदी का असर कम है लेकिन छोटे कसबों में यह प्रभावी है. भारत बंद के कारण झारखंड में दुकानें, बसें, स्कूल बंद कर दी गई है. बंदी के कारण झारखंड के सीएम को अपना पलामू दौरा भी रद्द करना पड़ा. झारखंड में बस सेवाएं बुरी तरह प्रभावित है. बस अड्डों से बस बाहर नहीं निकल पा रही है. रांची में भीम सेना के समर्थक सड़क पर उतर आए हैं, कांके चौक पर गाड़ियां रोकी गई, हरमू में भारत बंद समर्थकों ने सड़क पर टायर जलाकर सड़क जाम कर दिया. डोरंडा के पास भी भीम सेना ने सड़क को जाम कर दिया. भारत बंद का समर्थक झारखंड के सत्ताधारी दल के नेता कर रहे हैं. झामुमो के महासचिव विनोद पांडेय ने भी पत्र जारी कर भारत बंद का समर्थन किया है. भारतबंदी के समर्थक में कांग्रेस और राजद भी सड़क पर उतर आए हैं.

क्या है क्रीमी लेयर

क्रीमीलेयर-क्रीमी लेयर के माध्यम से OBC/sc/st में आने वाली जातियों का आर्थिक आधार पर बंटवारा किया जाता है. अर्थात जो व्यक्ति इस लेयर के अंतर्गत आता है उसको सरकारी नौकरियों और शिक्षण संस्थानों में आरक्षण का लाभ नहीं दिया जाता है. सरकारी नौकरियों और शिक्षण संस्थानों में ओबीसी के लिए 27 प्रतिशत, एसटी के लिए 7.5 प्रतिशत आरक्षण, एससी के लिए 15 प्रतिशत आरक्षण है, लेकिन, अगर आरक्षण के अंतरर्गत आने वाले परिवार की वार्षिक आय 8 लाख रुपये से अधिक है तो उस परिवार के किसी लड़के/लड़की को आरक्षण का लाभ नहीं मिलेगा अर्थात उसको गैर-आरक्षित सीट से नौकरी या दाखिला लेना होगा.

8 लाख से ज्यादा आय वालों को नहीं मिलेगा आरक्षण का लाभ

क्रीमी लेयर की सीमा 1993 में शुरू की गयी थी और उस समय 1 लाख/वर्ष की आय वाले लोग इसमें शामिल किया गया था. 2004 में इसे बढ़ाकर 2.5 लाख रुपये कर दिया गया, 2008 में 4.5 लाख रुपये, 2013 में 6 लाख रुपये और 2017 में 8 लाख रुपये कर दिया गया है.वर्तमान में किसी परिवार की आर्थिक आय 8 लाख और इससे अधिक है तो वह क्रीमी लेयर के अंदर आता है उसे आरक्षण का लाभ नहीं मिलेगा. लेकिन जिस परिवार की सलाना आय 8 लाख से कम है उसे 27 प्रतिशत आरक्षण का लाभ मिलेगा.

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