एनडीए के लिए सिरदर्द बने बागी, झारखंड में बिगाड़ेंगे बीजेपी का खेल

एनडीए के लिए सिरदर्द बने बागी, झारखंड में बिगाड़ेंगे बीजेपी का खेल

राजनीति
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झारखंड विधानसभा में सीट बंटवारें के बाद एनडीए के कई नेत बागी हो गए. कई नेता जेएमएम में शामिल हुए. तो कुछ निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में बीजेपी को चुनौती देने की तैयारी में है.आजसू के तीन नेता जो बीजेपी के खिलाफ मैदान में है तो बीजेपी के कई बागी नेता भी उनके खिलाफ चुनाव लड़ रहे हैं.

बीजेपी के खिलाफ लडे़ंगे आजसू के बागी विधायक

चंदनकियारी से टिकट की मांग कर रहे आजसू नेता उमाकांत रजक ने पार्टी से बगावत कर झामुमो का दामन थाम लिया. अब वह जेएमएम के चुनाव चिन्ह पर चंदनकियारी से भाजपा उम्मीदवार और नेता प्रतिपक्ष अमर कुमार बाउरी के खिलाफ चुनावी मैदान में है. हटिया सीट बीजेपी के खाते में जाने से नाराज आजसू नेता भरत कांशी ने भी निर्दलीय नामांकन पर्चा भरा. वह भारतीय जनता पार्टी के नवीन जायसवाल के खिलाफ चुनाव लड़ेंगे. हुसैनाबाद सीट से उम्मीदवार नहीं बनाए जाने से नाराज आजसू नेता कुशवाहा शिवपूजन मेहता ने भी पार्टी छोड़ ताल ठोक रहे हैं.

बीजेपी के पूर्व विधायक बिगाड़ेगे भाजपा का खेल

सारठ से पूर्व विधायक और बाबूलाल मरांडी के करीबी उदय शंकर सिंह उर्फ चुन्ना सिंह मंगलवार को झामुमो में शामिल हो गए. उन्हें सारठ से उम्मीदवार बनाया गया है.चुन्ना सिंह सारठ सीट से 1985 से 2000 तक लगातार जीतते रहे हैं. चुन्ना सिंह कांग्रेस, बीजेपी और जेवीएम और निर्दलीय चुनाव लड़ चुके हैं. हालांकि 2000 के बाद उन्होंने अपनी जमीन खो दी. लेकिन एक बार फिर वो सारठ में जीत की ताल ठोक रहे हैं. वहीं बीजेपी ने सारठ से रणधीर सिंह को उम्मीदवार बनाया है

जेएमएम का किला बचाने उतरे बीजेपी के बागी

दूसरी ओर सरायकेला से बीजेपी के पूर्व नेता गणेश महाली को जेएमएम ने उम्मीदवार बनाया है जो सरायकेला के लंबे समय के विधायक चंपाई सोरेन के खिलाफ चुनावी मैदान में है. गणेश महाली और चंपाई सोरेन के लिए यह सीट अस्तित्व बचाने की लड़ाई है. गणेश बहाली पहले बीजेपी में थे जहां 2014 और 2019 के चुनाव में उन्होंने चंपाई सोरेन के खिलाफ चुनाव लड़ा था. लेकिन अब वो जेएमएम से चुनाव लड़ रहे हैं हालांकि अब चंपाई ही नहीं बीजेपी के खिलाफ चुनाव लड़ रहे हैं. चंपाई इस सीट से छह बार विधायक रह चुके है. सबसे पहले 1991 में निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में उन्होंने जीत दर्ज की. 1995 में झामुमो के टिकट पर जीता. 2000 के चुनाव में चंपाई सोरेन को बीजेपी के अनंत राम टुडू से हार का सामना करना पड़ा. लेकिन 2005 के चुनाव में उन्होंने फिर वापसी की, और लगातार सरायकेला से जीत दर्ज करते रहे हैं. फिलहाल वो बीजेपी से सरायकेला के उम्मीदवार है.

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