उत्पाद सिपाही की बहाली हो रही है या मौत का तांडव?

उत्पाद सिपाही की बहाली हो रही है या मौत का तांडव?

रांची
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झारखंड में करीब 44 साल बाद उत्पाद सिपाही की बहाली हो रही है. यह बहाली राज्य के कई जिलों में हो रही है इसके लिए युवा दौड़ लगा रहे हैं. लेकिन यह दौड़ युवाओं के मौत का कारण बनकर आई है. झारखंड के अलग-अलग हिस्सों में उत्पाद सिपाही की दौर में कई युवक जिंदगी की जंग हार गए है. जिनमें एक गया का अमरेश भी है जो घर की हालत सुधारने निकला था. लेकिन खुद की जिंदगी नहीं बचा पाया. गिरिडीह में आयोजित बहाली में अमरेश सिपाही की दौड़ के दौरान बेहोश होकर गिर गया और उसकी मौत हो गई. अमरेश घर की आर्थिक स्थिति सुधारने के लिए पिछले दो साल से वह नौकरी की तैयारी कर रहा था.

दौड़ के दौरान 4 लोगों ने तोड़ा दम

उत्पाद सिपाही बहाली के लिए दौड़ में अमरेश पहला अभ्यर्थी नहीं है जिसकी मौत हो गई. झारखंड के तीन युवक भी दौड़ के दौरान ही जिंदगी की जंग हार गए. जिनमें एक रांची के ओरमांझी प्रखंड के जीराबार गांव के 21 वर्षीय अजय कुमार महतो, छतरपुर निवासी अरुण कुमार और गोड्डा के रूंजी गांव निवासी प्रदीप कुमार है. इस दौड़ के दौरान करीब छह दर्जन अभ्यर्थी बेहोश हो गए. जिनका अस्पताल में इलाज कराया गया है. पलामू में दौड़ के दौरान तीन अभ्यर्थियों ने भी अपना दम तोड़ दिया.

मौत के लिए कौन जिम्मेदार, मैदान या….?

दौड़ में दम तोड़ रहे अभ्यर्थी को लेकर अन्य कैंडिडेट्स का कहना है कि सुबह 6 बजे इंट्री करने के बाद करीब पांच घंटे हमें इंतजार करवाया जाता है जिसके बाद 11:45 बजे दौड़ शुरू हुई. देर और धूप में दौड़ने की वजह से परेशानी हो रही है. मैदान खराब होने की वजह से भी दोड़ना मुश्किल हो रहा है जिसकी वजह से अभ्यर्थी दौड़ते-दौड़ते बेहोश हो जा रहे हैं और उनकी मौत हो जा रही है.

बता दें कि jssc आबकारी कॉस्टेबल के लिए 27 अगस्त से दौड़ कराई जा रही है. जिसमें लड़कों को एक घंटे में 10 किलोमीटर दौड़ना था जबकि महिलाओं को 40 मिनट में 5 किलोमीटर. इस दौड़ के दौरान कई बच्चे बेहोश हो कर गिर गए. जिनमें इलाज के दौरान 4 की मौत हो गई.

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