रांची : झारखंड अभिभावक संघ (JPA) के द्वारा 5 अप्रैल 2025 को रांची के उपायुक्त मंजुनाथ भजंत्री को भेजे गए पत्र का सकारात्मक असर दिखाई दे रहा है। उक्त पत्र में संघ ने झारखंड शिक्षा न्यायाधिकरण (संशोधन) अधिनियम 2017 के प्रावधानों के तहत जिला एवं विद्यालय स्तर पर शुल्क कमेटी का गठन करने की अपील की थी, ताकि निजी विद्यालयों के द्वारा शुल्क निर्धारण में होने वाली अनियमितताओं पर रोक लग सके। साथ ही, संघ ने यह भी अनुरोध किया था कि जब तक संबंधित समितियाँ गठित नहीं होतीं, तब तक केवल शैक्षिक शुल्क ही लिया जाए।
पेरेंट्स टीचर एसोसिएशन (PTA) गठन के निर्देश का झारखंड अभिभावक संघ ने किया स्वागत…
राजधानी रांची के सभी निजी विद्यालयों में पेरेंट्स टीचर एसोसिएशन (PTA) का गठन किए जाने का रांची उपायुक्त ने निर्देश दिए. इस निर्णय का झारखंड अभिभावक संघ ने स्वागत किया और इसे अभिभावकों और विद्यालय प्रबंधन के बीच बेहतर संवाद और पारदर्शिता सुनिश्चित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम बताया.
झारखंड शिक्षा न्यायाधिकरण संशोधन अधिनियम 2017 के तहत प्रत्येक विद्यालय में एक शुल्क समिति का गठन करना अनिवार्य किया गया है। यह समिति विद्यालय के प्रबंधन, प्रधानाचार्य, शिक्षक, और माता-पिता के प्रतिनिधियों को मिलाकर गठित की जानी चाहिए। इसके अलावा, जिले स्तर पर एक जिला समिति का गठन भी आवश्यक है, जिसमें उपायुक्त, जिला शिक्षा अधिकारी, चार्टर्ड अकाउंटेंट, और अन्य संबंधित सदस्य शामिल होंगे।
यह अधिनियम 7 जनवरी 2019 से लागू हुआ था, आज तक ना तो विद्यालय स्तर पर और न ही जिला स्तर पर शुल्क कमेटी का गठन हुआ है। इसके कारण, निजी विद्यालयों द्वारा लगातार शैक्षिक शुल्क में वृद्धि की जाती रही है, जिससे अभिभावकों पर अतिरिक्त आर्थिक बोझ पड़ा है।
झारखंड अभिभावक संघ का पक्ष…
झारखंड अभिभावक संघ ने पिछले 2008 से हमेशा शिक्षा क्षेत्र में पारदर्शिता, निष्पक्षता, और न्याय की बात की है। संघ का मानना है कि जब तक इन शुल्क कमेटियों का गठन नहीं हो जाता, तब तक निजी विद्यालयों को केवल शैक्षिक शुल्क ही लेने का आदेश जारी किया जाए। इस दिशा में पिछले 5 अप्रैल 2025 को भेजे गए पत्र के माध्यम से संघ ने प्रशासन से आग्रह किया था कि वे इस मामले में शीघ्र कदम उठाएं, ताकि अभिभावकों के हितों की रक्षा की जा सके।
अब, श्री मंजुनाथ भजंत्री द्वारा जारी किए गए निर्देश से यह स्पष्ट है कि अभिभावकों की चिंताओं को गंभीरता से लिया गया है। पेरेंट्स टीचर एसोसिएशन (PTA) का गठन विद्यालयों में पारदर्शिता और सामूहिक निर्णय लेने की प्रक्रिया को मजबूती प्रदान करेगा, जिससे विद्यालय शुल्क के निर्धारण में किसी भी प्रकार की अनियमितता और मनमानी को रोका जा सकेगा।
झारखंड अभिभावक संघ इस कदम का स्वागत करता है और उम्मीद करता है कि जल्द ही झारखंड शिक्षा न्यायाधिकरण संशोधन अधिनियम 2017 के तहत सभी संबंधित समितियाँ गठित की जाएंगी। संघ ने यह भी सुझाव दिया है कि इन समितियों की जानकारी विद्यालय की वेबसाइट पर सार्वजनिक की जाए, ताकि अभिभावक पूरी प्रक्रिया से अवगत रह सकें और उनके अधिकारों का उल्लंघन न हो।
संघ के अध्यक्ष अजय राय ने कहा, “हम उपायुक्त रांची के इस सकारात्मक निर्देश का स्वागत करते हैं और इस पहल को राज्य भर में शिक्षा सुधार की दिशा में एक सकारात्मक कदम मानते हैं। हम विश्वास रखते हैं कि इससे शिक्षा क्षेत्र में पारदर्शिता बढ़ेगी और अभिभावकों को राहत मिलेगी।