झारखण्ड: महिला सशक्तिकरण को दिया जा रहा नया आयाम

झारखंड स्पेशल स्टोरी
Share Now
  • 2019 से अब तक 10,111 करोड़ का क्रेडिट लिंकेज
  • अब तक 2.59 लाख सखी मंडलों को बैंक क्रेडिट लिंकेज से जोड़ा गया

ग्रामीण महिलाओं के उत्थान और उनके आर्थिक स्वावलंबन के प्रति संवेदनशील मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन के विजनरी सोच का परिणाम है कि 2019 से पूर्व 09 वर्ष में सखी मंडल को जितना क्रेडिट लिंकेज दिया गया, उसका 10 गुना क्रेडिट लिंकेज विगत साढ़े चार वर्ष में मिला। यही नहीं सखी मंडल की संख्या में भी बढ़ोतरी दर्ज की गई है। वर्ष 2013 से 2019 तक एसएचजी को क्रेडिट लिंकेज के तहत 1,114 करोड़ रुपये की राशि दी गयी, जबकि 2019 के बाद 30 जून 2024 तक सखी मंडल की महिलाओं को उनके सशक्तिकरण के लिए 10,111 करोड़ रुपये की राशि दी गयी। वहीं 2013 से 2019 तक 2.45 लाख सखी मंडल की संख्या बढ़कर 30 जून 2024 तक 2.88 लाख हो गई।

आजीविका से जोड़ने का क्रम जारी

ग्रामीण महिलाएं और अर्थव्यवस्था सशक्त हो, इसके लिए राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के जरिए राज्य के 26 लाख परिवारों को आजीविका के सशक्त माध्यमों से जोड़ा गया है। कृषि,पशुपालन, वनोपज, अंडा उत्पादन, जैविक खेती आधारित आजीविका से ग्रामीण परिवारों को आच्छादित किया जा रहा है। राज्य संपोषित जोहार परियोजना के तहत 17 जिलों के 68 प्रखण्डों के 3816 गांव में 3900 उत्पादक समूह एवं 21 उत्पादक कंपनियों का गठन एवं संचालन हुआ। जिसके तहत राज्य के करीब 2.25 लाख परिवारों की आय में बढ़ोतरी हुई।

वनोत्पाद से मिल रहा लाभ

महिला किसान सशक्तिकरण परियोजना के जरिए भी राज्य के 3.0 लाख परिवारों को लाह, रेशम, औषधिय पौधे की खेती, ईमली, कृषि एवं पशुपालन से जोड़ा गया है। राज्य संपोषित झारखंड माइक्रोड्रिप इरिगेशन परियोजना के तहत करीब 31861 किसानों को टपक सिंचाई तकनीक से जोड़ कर उन्नत खेती की जा रही है। इस परियोजना के तहत 30/ हजार महिला किसानों को जोड़ने का लक्ष्य है।

तकनीक में निपुण हो रहीं महिलाएं

राज्य में बैंकिग कॉरेस्पॉन्डेंट सखी, पशु सखी, कृषि सखी, वनोपज मित्र, आजीविका रेशम मित्र, सीआरपी समेत, करीब 80,000 सामुदायिक कैडर को प्रशिक्षित कर परियोजना के क्रियान्वयन एवं विस्तारण में लगाया है। आधुनिक संचार तकनीक से इन महिलाओं को लैस किया गया है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *