धनबाद में अवैध कोयला खनन मामले में पुलिस की संलिप्तता सामने आई है. हाईकोर्ट कोर्ट ने मामले की सुनवाई करते हुए सीबीआई को जांच के आदेश देते हुए सुनवाई पूरी की और फैसला 27 सितंबर तक सुरक्षित रख लिया है. निजी चैनल के संचालक अरूप चटर्जी की याचिका पर सुनवाई करते हुए जस्टिस एसके द्विवेदी की अदालत ने मामले में सीबीआई को पुलिस अधिकारियों के खिलाफ जांच के आदेश दिए है.
याचिकाकर्ता ने दायर याचिका में कहा था कि कोयला खनन मामले में उसने आईओ, तत्कालीन एसपी और डीएसपी समेत कुछ गवाहों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने के लिए आवेदन दिया था, लेकिन प्राथमिकी दर्ज नहीं की जा रही है। उलटे उनके खिलाफ धनबाद पुलिस ने प्राथमिकी दर्ज की है. अदालत से प्राथमिकी दर्ज करने और मामले की निष्पक्ष एजेंसी से जांच कराने का आग्रह प्रार्थी ने किया था.
पिछली सुनवाई में प्रतिवादियों की ओर से पक्ष रखते हुए सुप्रीम कोर्ट के वरीय अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने कहा था कि याचिका सुनवाई योग्य नहीं है। पुलिस अधिकारियों के खिलाफ धनबाद में कोयले के अवैध व्यापार में वसूली के प्रार्थी ने जो आरोप लगाए हैं, बेबुनियाद हैं। प्रार्थी इस मामले का पीड़ित नहीं है। प्रार्थी के खिलाफ पुलिस ने कार्रवाई की है, इसलिए पुलिस को फंसाने के लिए उसने प्राथमिकी दर्ज करने का आवेदन दिया है। सुनवाई के बाद कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया था। गुरुवार को हुई सुनवाई में कोर्ट ने सीबीआई को जांच के आदेश दिया है.