झारखंड में लगातार बांग्लादेशी घुसपैठ कर रहे हैं जिसपर राजनीति सरगर्मी भी तेज है. बीजेपी के तमाम नेता इसपर राज्य सरकार को घेर रहे हैं. एनडीए के तमाम नेताओं का कहना है कि वोट बैंक के लिए राज्य सरकार उन्हें पनाह दे रही है. हालांकि अब यह मामला झारखंड हाईकोर्ट में है. पिछले दिनों हाईकोर्ट ने राज्य के उपायुक्त से संथाल परगना में घुसपैठियों की जानकारी मांगी थी. जिसपर उपायुक्त ने संथाल परगना में घुसपैठ पर इंकार कर दिया है. मामले को गंभीरता से लेते हुए झारखंड हाईकोर्ट ने उपायुक्त को फटकार लगाते हुए कहा है कि संथाल के साहेबगंज में तीन घुसपैठी होने की जानकारी मिली है लेकिन उपायुक्त इससे इंकार कर रहे हैं. यह दुर्भाग्यपूर्ण है. इसके लिए उपयुक्त के खिलाफ अवमानना की कार्रवाई भी शुरू हो सकती है लेकिन कोर्ट का मकसद फैक्ट फाइंडिंग कमेटी के माध्यम स बांग्लादेशियो का घुसपैठ हो रहा है या नही इसकी सही जानकारी प्राप्त करना है. अगर यह सही है तो इसकी रोकथाम जरूरी है.
20 सितंबर को होगी अगली सुनवाई
हाईकोर्ट के सॉलिसिटर जनरल ऑफ इंडिया तुषार मेहता ने बांग्लादेशी घुसपैठियों के संथाल परगना में अवैध प्रवेश को लेकर दानिय दानिश की याचिका पर सुनवाई की. उन्होंने कहा कि एनआरसी के माध्यम से संथाल परगना में बांग्लादेशी घुसपैठियों की पहचान कर उन्हें वापस भेजा जाना चाहिए. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार के गृह सचिव और झारखंड के मुख्य सचिव मिलकर संथाल परगना में बांग्लादेशी घुसपैठियों की जांच को लेकर हाई पावर कमेटी बनाने के संबंध में निर्णय लेंगे। हाई पावर कमेटी के संबंध में लिए गए निर्णय को केंद्र सरकार शपथ पत्र के माध्यम से दाखिल करेगी। मामले की अगली सुनवाई 20 सितंबर को होगी।