झारखंड विधानसभा चुनाव में जीत के लिए भाजपा साम-दाम-दंड भेद लगाने से भी पीछा नहीं हट रही है. झारखंड में आदिवासियों को साधने के लिए शिवराज सिंह चौहान और हेमंता को प्रभारी और सहप्रभारी बना दिया तो दूसरी ओर कोल्हान को साधने के लिए झारखंड के पूर्व सीएम चंपाई सोरेन को भी पार्टी में शामिल करने में परहेज नहीं किया. वहीं अब सीट की दावेदारी से पहले 81 सीटों पर रायशुमारी की. ताकि जनता की पसंद के दावेदार को विधानसभा में उतारकर सके. हालांकि इस रायशुमारी में गलाकाट स्पर्धा देखने को मिला.
तीन नाम के लिए 200 लोगों ने की वोटिंग
बुधवार को झारखंड के सभी विधानसभ सीटों पर भाजपा ने रायशुमारी की. प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र में बूथ लेकर जिलास्तर के पदाधिकारियों को पर्ची दी गई. इस पर्ची के माध्यम से प्रत्येक विधानसभा के लिए तीन-तीन नाम प्रस्तावित करना था. प्रत्येक विधानसभा में 200-250 लोग वोटिंग में शामिल हुए. इसके बाद मुख्यालय के स्तर पर विधानसभा वार उम्मीदवारों के नाम की गिनती की जाएगी। जानकारी के मुताबिक, रायशुमारी में विधानसभावार तीन वैसे नामों पर विचार किया जाएगा, जिन्हें सर्वाधिक वोटरों ने पसंद किया है।
धनबाद मे हथियारों का प्रदर्शन
हालांकि रायशुमारी के दौरान कई जगह बवाल भी हुई. कई विधानसभआ में जमकर हंगामा हुआ. धनबाद, हजारीबाद, पलामू आदि क्षेत्रों में मारपीट तक की नौबत आ गई. धनबाद विधानसभा में तो हथियारों का प्रदर्शन हुआ. भाजपा विधायक राज सिन्हा के समर्थिको के साथ बहुचर्चित कोयला कारोबारी लालबाबू सिंह के समर्थकों ने मारपीट की. ऐसे कई और मामले भी सामने आए है.
पलामू में रायशुमारी के दौरान भी दो पक्ष आपस में भिड़ गए. कहा जा रहा है रायशुारी के दौरान एक पक्ष के द्वारा खास लोगों को पर्ची दी गई और नाम लिखने को कहा जा रहा था. इसके बाद पूरे मामले में विवाद बढ़ता गया और चुनाव लड़ने के दावेदारी करने वाले के कार्यकर्ता आपस में भिड़ गए और जमकर हंगामा हुआ है.