ललित कला अकादमी के गठन से झारखंड की कला को मिलेगी पहचान: दिलेश्वर लोहरा

आदिवासी झारखंड न्यूज़ रांची
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रांची: झारखंड के प्रसिद्ध मूर्तिकार दिलेश्वर लोहरा ने झारखंड ललित कला अकादमी का गठन करने का स्वागत किया है। उन्होंने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन, मंत्री सुदिव्य कुमार समेत विभाग के अधिकारियों का आभार प्रकट करते हुए कहा कि झारखण्ड में ललित कला अकादमी का गठन पर झारखण्ड राज्य में मूर्तिकला और चित्रकला जगत में राष्ट्रीय स्तर से लेकर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान स्थापित होगा। इस कार्य के लिए मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन को हार्दिक आभार और बधाई रहेगा।  साथ ही कला संस्कृति मंत्री के साथ पुरे कैबिनेट बधाई के पात्र हैं। श्री लोहरा ने कहा कि झारखंड की सरकार आदिवासी सरकार निश्चित रूप से शासन में आदिवासी मुद्दा, आदिवासी संस्कृति, आदिवासी कला और आदिवासी विरासत की बात हमेशा करती रहती है। लेकिन जो कलाकारों की बुनियादी समस्या है, विशेष कर झारखंड के आदिवासी कला और उसके विरासत की पहचान देना हो तो झारखंड सरकार के मुखिया माननीय हेमंत सोरेन झारखंड के आदिवासी कला को स्थापित करने में कितना योगदान रहा है?

2023 में कला संस्कृत विभाग के द्वारा एक विज्ञापन प्रकाशित किया गया था। जिसके माध्यम से झारखंड के लिए ललित कला अकाडमी बनाने की बात की गई थी। लेकिन आज 24 महीनों बीत चुकने के बाद झारखंड में ललित कला अकादमी का गठन हुआ। आदिवासी कलाकारों के लिए राज्यकीय कला को सुरक्षित करने के लिए एक समस्या सरकार के सामने है। राजनीति के मुद्दों में हमेशा झारखंड के आदिवासी कला मुद्दा है कला संस्कृति को बचाने के लिए जहां पर एक सरकारी संगठन का जरूरत पड़ती है। यहां कला अकादमी नहीं था। आज झारखण्ड में ललित कला अकादमी के गठन से युवा प्रतिभाओं को मूर्तिकला एवं चित्रकला में प्रतिभा को पहचान मिलेगा। श्री लोहरा ने कहा कि ललित कला अकादमी के गठन करने की मांग कई वर्षों से किया जा रहा था। राज्य सरकार ने इसे संज्ञान लेते हुए ललित कला अकादमी गठन करने का निर्णय लिया है जो स्वागतयोग्य है।

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