झारखंड के पूर्व सीएम चंपाई सोरेन के भाजपा में जाते ही पार्टी के अंदर बगावत शुरू हो गई है. पार्टी के कई बड़े नेता चंपाई के पार्टी में शामिल होने के खिलाफ थे. इसके बावजूद भी वो बीजेपी में शामिल हो रहे हैं. जिसपर भाजपा नेता बाबूलाल मरांडी ने तंज कसते हुए कहा कि जब नई दुल्हन आती है तो कुछ लोग असहज होते हैं लेकिन बाद में सब ठीक हो जाता है. वहीं दूसरी ओर भाजपा के वरिष्ठ नेता सूरज मंडल चंपाई के आने से खासा नाराज बताए जा रहे हैं. सूरज मंडल रांची प्रेस क्लब में प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित कर अपनी नाराजगी जाहिर की. भाजपा पर हमलावर होते हुए उन्होंने चंपई को कौवा और जोबा मांझी को जोबा अंसारी कहा है.
‘हवा में उड़ रहे चंपाई, जल्द हवा हो जाएंगे‘
बीजेपी पर हमलावर होते हुए मंडल ने कहा कि मोदी जी ने मुझे रोड पर ला दिया. 10 साल में झारखंड को पूरी तरह बर्बाद कर दिया. जिन्हें झारखंड के बारे में कुछ भी नहीं मालूम वो असम सीएम हिमंता विस्वा सरमा और केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान झारखंड आकर ऊलजुलूल बोलते रहते हैं. उन्हें झारखंड के माटी के बारे में आखिर पता क्या है. इसके साथ ही मंडल चंपाई सोरेन की तुलना कौआ से करते हुए उन्होंने कहा कि चंपाई बलि का बकरा बन गए हैं. उन्हें पार्टी बैलून में भरकर हवा में उड़ा रही है. लेकिन जब वो उड़ेंगे तो कहां जायेंगे, ये किसी को पता नहीं चलेगा.
‘ज्यादा दिन तक नहीं चलती हकमारी’
इस दौरान वो दिशोम गुरु शिबू सोरेन पर भी जमकर बरसे. आरक्षण के मुद्दे पर शिबू सोरेन और उनके बेटे और झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन को घेरते हुए श्री मंडल ने कहा कि एकीकृत बिहार में आरक्षण की जो सीमा थी, उसे उन्होंने गड़बड़ा दिया. इसके साथ ही ओबीसी और आदिवासी आरक्षण की बात करते हुए उन्होंने कहा कि आज पहाड़िया, काल, महली, खड़िया, बिरहोर, असुर, घटवाल, खेतोड़ी का हक मारा गया है. आरक्षण के सवाल पर बांग्लादेशी सीएम शेख हसीना को हटना पड़ा. ज्यादा दिन किसी की हकमारी सही नहीं है.
ज्ञात हो कि कभी लालू यादव फिर शिबू सोरेन के करीबी रहे सूरज मंडल झारखंड अलग राज्य के आंदोलनकारी रहे है. उन्होंने अपने राजनीति की शुरूआत युवा कांग्रेस से की थी. वह बिहार विधानसभा में वर्ष 1980 से 1991 तक विधायक रहे. 1991 में झारखंड मुक्ति मोर्चा के टिकट पर 10वीं लोकसभा सदस्य बने थे. झारखंड मुक्ति मोर्चा के बाद उन्होंने झारखंड विकास दल का गठन किया, जिसका 2018 में भाजपा में उन्होंने विलय कर दिया. सूरज मंडल की झारखंड में पकड़ मजबूत है उन्हें संथाल टाइगर के नाम से भी जाना जाता है. भाजपा में रहते हुए भी सूरज मंडल लगातार भाजपा के खिलाफ बोलते रहे हैं