परीक्षा में गड़बड़ी का जिम्मेदार कौन ?, ना सुरक्षा व्यवस्था ना CCTV निगरानी….पेपर सेट करने वाला भी अभ्यर्थी

परीक्षा में गड़बड़ी का जिम्मेदार कौन ?, ना सुरक्षा व्यवस्था ना CCTV निगरानी….पेपर सेट करने वाला भी अभ्यर्थी

झारखंड शिक्षा
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JSSC CGL परीक्षा 2024 के पेपर लीक मामले में बड़ी गड़बड़ी सामने आई है. पेपर सेट करने से लेकर रांची ट्रेजरी में रखने तक गड़बड़ी की है जिसके लिए एजेंसी और JSSC जिम्मेदार है. रांची पुलिस ने इससे जुड़ी एसआईटी की रिपोर्ट कोर्ट को सौंपी है जिसमें परीक्षा में गड़बड़ी के लिए परीक्षा एजेंसी सतवत इंफोसोल प्रा. लिं. और झारखंड कर्मचारी चयन आयोग(जेएसएससी) को जिम्मेदार ठहराया गया है.

एजेंसी ने सीसीटीवी फुटेज देने से किया इंकार

एसआईटी की रिपोर्ट में कई खुलासे हुए है जिसमें बताया गया है कि पंचपरगनिया भाषा का पेपर रांची वीमेंस कॉलेज की सहायक प्रोफेसर सबिता कुमारी मुंडा ने सेट किया था. पेपर सेट करने में उनके पति एंथोनी मुंडा ने भी सहयोग किया, एंथोनी मुंडा खुद सीजीएल परीक्षा दे रहे थे. इसके अलावा छापखाने में भी सुरक्षा की व्यवस्था नहीं की गई थी और ना ही वहां सीसीटीवी था. टीम ने इंफोसेल के नेटवर्क को-ऑर्डिनेटर ए अरविंद से पेपर की छपाई का फुटेज मांगा जो टीम द्वारा यह कहते हुए नहीं दिया गया की सिर्फ 15 दिन का वीडियो फुटेज स्टोर रहता है और पेपर की छपाई हुए 15 दिन से ज्यादा हो गए है. जिसके बाद एसआईटी की टीम ने कंपनी पर अपराधिक मामले दर्ज करने को कहा. टीम का कहना है कि टाइपिंग, छपाई, पैकेजिंग, भंडारण सीसीटीवी की निगरानी में होनी चाहिए जो की नहीं हुआ. इसलिए कंपनी पर आपराधिक मुकदमा दर्ज होना चाहिए.

ट्रेजरी में पेपर रखने वाले कर्माचरी के हाथ में PHONE

इसके अलावा पुलिस ने जब कंपनी की सीईओ सुनिधि रमेशनन से परीक्षा संचालन को लेकर तैयार एसओपी मांगी तो वो भी नहीं दिया गया ये कहते हुए कि ऐसा कुछ नहीं है. इसके साथ ही पेपर ट्रक से उतारकर ट्रेजरी में रखने के दौरान झारखंड के कई कर्मचारियों और मजदूरों को लगाया गया था. सभी मोबाइल लेकर ट्रेजरी के अंदर गए थे जहां कोई सीसीटीवी कैमरा नहीं लगा था. जिससे आशंका जताई जा रही है इस दौरान कर्मचारियों ने क्वेश्चन पेपर की फोटो भी ली होगी. फिलहाल मामला कोर्ट में है. कोर्ट द्वारा अगली सुनवाई तक रिजल्ट पर रोक लगा दी गई है फिलहाल ये कोर्ट तय करेगा की परीक्षा कैंसिल करना है या नहीं.

पेपर के दौरान झारखंड में बंद की गई थी इंटरनेट सेवा

बता दें कि JSSC CGL परीक्षा 21 और 22 सितंबर 2024 को ली गई थी. परीक्षा से पहले राज्य में इंटरनेट सेवा पूरी तरह बंद कर दी गई थी ताकि किसी तरह की कोई गड़बड़ी नहीं हो. लेकिन परीक्षा होने के बाद से ही इसमें छात्रों द्वारा गड़बड़ी होने के आरोप लगते रहे हैं. छात्रों का कहना है कि पेपर लीक हुआ है साथ ही पिछली परीक्षाओं में पूछे गए कई सवालों को दोहराया गया है. जिसको लेकर छात्र सड़क पर उतर आए. उन्होंने सरकार से परीक्षा कैंसिल करवाने की मांग की लेकिन सरकार इन आरोपों को खारिज करती रही. सरकार का कहना था पेपर लीक नहीं हुआ है कुछ लोग है जो अभ्यर्थियों को बरगलाने की कोशिश कर रहे हैं. लेकिन छात्र अपनी बातों पर अड़े रहे. छात्रों द्वारा पेपर लीक मामले में कोर्ट का रुख किया गया है. याचिकाकर्ता ने हाईकोर्ट में पेपर की सीबीआई जांच करने की मांग लिए परीक्षा रद्द करवाने की याचिका डाली. जिसपर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने अगली सुनवाई तक रिजल्ट पर रोक लगा दी.

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