रांची: सिरमटोली चौक स्थित केंद्रीय सरना स्थल में सोमवार को विभिन्न आदिवासी संगठनों व सामाजिक अगुआ लोगों के नेतृत्व में बैठक हुई.
बैठक में आदिवासी समुदाय के धार्मिक स्थल के तौर पर जाने वाला केंद्रीय सरना स्थल पर विकास के नाम पर हो रहा सरकारी अतिक्रमण पर आक्रोश और विरोध जताया गया.
संगठन के प्रतिनिधियों ने कहा कि फ्लाइओवर बनाने के बहाने पथ निर्माण विभाग आदिवासी समाज की धार्मिक स्थलों के साथ छेड़ छाड़ कर हमारी भावना को ठेस पहुंचाने का काम कर रहा रहा है. यह बर्दाश्त नहीं किया जाएगा.
बैठक की अध्यक्षता कर रहे सरना प्रार्थना सभा रांची महानगर के सचिव सोनू खलखो ने कहा कि आजाद भारत के बाद से हम आदिवासियों के जल, जंगल, जमीन सहित हमारी भाषा, संस्कृति, धार्मिक पहचान को तक को मिटाने के लिए राजनीतिक दलों के नेताओं के सहयोग से सरकारी बाबुओं के मिलीभगत के सांठ गांठ से उद्योगपतियों ने विकास के नाम पर कुचलते रहने का काम किया है और यह बदस्तूर जारी है.
श्री खलखो ने आगे कहा कि जिस जब सिरमटोली मेकॉन फ्लाइओवर निर्माण के लिए नक्शा बन रहा था, उस वक्त ही इंजीनियर को यह अवगत कराया गया था कि यह हम आदिवासियों का मुख्य सरना स्थल है. इस सरना स्थल में सरहुल पूजा के दिन लाखों की जनसंख्या में लोग पर पूजा करने पहुंचते है.

इसके बावजूद इसके फ्लाइओवर का निर्माण कर रहे एलएंटी कंपनी के अधिकारियों और इंजीनियरों ने हम आदिवासियों की बातों को नजरंदाज करते हुए मनमानी तरीके से फ्लाईओवर निर्माण का कार्य तेजी से कर रहे हैं. अब हमलोगों को पता चला है कि निर्माण कार्य करने वाली कंपनी विकास के लिए और भी पूजा स्थल जमीन से 10 फीट जमीन की मांग की है. इससे यह प्रतीत होता है कि ये लोग हम आदिवासियों को बोका और जाहिल गवार समझते हैं. लेकिन अब हम आदिवासी भी पढ़ लिख लिए है. हमें भी जानकारी है कि कैसे अपना जल, जंगल और जमीन बचाना है. मैं साफ तौर पर बता देना चाहता हूं कि आदिवासी समाज किसी भी सूरत में एक इंच जमीन नहीं देगा और जो पूजा स्थल का मुख्य द्वार कंजेस्टेक्टेड हो गया है, उसका समाधान निकाले. अन्यथा झारखंड के इतिहास में फिर से एक बार भगवान बिरसा मुंडा के तर्ज पर उलगुलान होगा.
बैठक में उपस्थित अन्य वक्ताओं ने कहा कि जब भी कहीं सड़क निर्माण होता है, तब धार्मिक स्थलों को ध्यान में रखा जाता है और यह पूरी कोशिश की जाती है कि धार्मिक स्थल को किसी भी तरह की क्षति न पहुंचे. किंतु वर्तमान में सिरमटोली स्थित केंद्रीय सरना स्थल की जमीन को विकास के नाम पर विभाग द्वारा अधिग्रहित किया जाना साजिश के तहत आदिवासियों की पहचान को मिटाना है. ऐसे में राज्य के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से आग्रह है कि आगे आकार केंद्रीय सरना स्थल को बचाने के लिए सार्थक पहल निकाले अन्यथा आदिवासी समुदाय भूमि अधिग्रहण के खिलाफ आखिरी सांस तक लड़ाई लड़ने को तैयार है. बैठक में राहुल तिर्की, सुशीला, आकाश तिर्की, रवि खलखो, पवन तिर्की, स्मिथ तिर्की, गीता लकड़ा, आकाश बेक, बहा लिंडा, स्वराज उरां समेत सैकड़ों की संख्या में लोग मौजूद थे.