The Jan Sabha : आदिवासी संगठनों का सुतियाम्बे गढ़ मुडहर पहाड़ बचाव महारैली 17 मार्च को

आदिवासी
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मुँड़ाओं के पहले राजा महाराजा मदरा मुंडा का गढ़ सुतियाम्बे गढ़ मुड़हर पहाड़ पर धार्मिक अतिक्रमण पर विरोध

राँची : मुँड़ाओं के पहले राजा महाराजा मदरा मुंडा का गढ़ सुतियाम्बे गढ़,मूडहर पहाड़ पर हुआ करता था. मुडहर पहाड़ राँची ज़िला के काँके प्रखंड स्थित पिठोरिया क्षेत्र में आता है.

आदिवासी समुदाय का कहना है कि मुडहर पहाड़ आदिवासियों का ऐतिहासिक पौराणिक धरोहर है. किंतु पिछले कुछ वर्षों हमारी ऐतिहासिक धरोहर को लगातार आरएसएस, भाजपा, जनजातीय सुरक्षा मंच, वैसे तमाम हिन्दुवादी संगठनों के द्वारा सांस्कृतिक, धार्मिक अतिक्रमण कर मिटाने की कोसीस की जा रही है.

62 एकड़ में फैला मुडहर पहाड़ को भू- माफियाओं, दलालों के द्वारा कब्जा कर बेचा जा रहा है. जिसे प्रकृति पूजक धर्मावलंबी आदिवासी समुदाय क़तई बर्दाश्त नहीं करेगा.

विभिन्न आदिवासी संगठनों के द्वारा 17 मार्च को सुतियाम्बे गढ़ के मुरहड़ पहाड़ को में आयोजित रैली सह जनसभा लोकतांत्रिक तरीक़े से किया जायेगा.

मुडहर पहाड़ बचाने को लेकर पाँच सूत्री की माँग करेगा आदिवासी समुदाय

यह है माँगे…

1: सुतियांबे स्थित मुड़हर पहाड़ की जमीन को अतिक्रमण मुक्त कराया जाए।

2: सुतियांबे स्थित मुड़हर पहाड़ पर आरएसएस – हिंदूवादी संगठनों द्वारा जबरन थोपी जा रही धार्मिक, सांस्कृतिक अतिक्रमण पर रोक लगाई जाए।

3: सुतियांबे स्थित मुड़हर पहाड़ सहित वहां की अन्य पूजास्थल/प्रतीक स्थलों का चिन्हितीकरण करके घेराबंदी किया जाए।

4: महाराजा मदरा मुंडा के नाम पर आदिवासियों की धर्म संस्कृति – संस्कृति, परंपरा , रीति-रिवाज की रक्षा और विकास के लिए एक बोर्ड गठन किया जाए।

5: सुतियांबे स्थित मुड़हर पहाड़ और उससे जुड़े स्थलों- धरोहरों को आदिवासियों की धार्मिक – सांस्कृतिक स्थल राज्य सरकार द्वारा घोषित किया जाए।

सहयोग करने की अपील

मुडहर पहाड़ बचाव कमिटी के लोगों ने आंदोलन को सफल करने के लिए राज्य के सभी आदिवासी समुदाय और आदिवासी संगठनों, सरना समितियों से सहयोग करने की अपील किया.

राजनीतिक पार्टियाँ भी मुडहर पहाड़ पर अपनी नीति स्पष्ट करे

मुडहर पहाड़ बचाव आंदोलन के अगुआ लोगों ने राज्य के मुख्यधारा की राजनीतिक पार्टियाँ भाजपा, झामुमो, कांग्रेस आजसू, आरजेडी, आप, जेडीयू इत्यादि से मुडहर पहाड़ को संरक्षित करने को लेकर राजनीतिक रोटी सेकने के बजाय अपनी नीति स्पष्ट करने की माँग की है.

सुतियांबे मुड़हर पहाड़ बचाओ अभियान समिति के मुख्य संरक्षक लक्ष्मी नारायण मुंडा ने झारखंड के सभी समुदाय के लोगों से अपील करते हुए कहा की आदिवासियों के इस धरोहर को बचाने में चढ़ बढ़ कर हिस्सा लें.

संयोजक प्रेमशाही मुंडा ने कहा की हमलोग राज्य के मुख्यमंत्री चंपाई सोरेन और उसकी सरकार से मांग करते हैं कि सुतियांबे स्थित मुड़हर पहाड़ पर धार्मिक-सांस्कृतिक और जमीन का अतिक्रमण रोकने के लिए उपायुक्त की अध्यक्षता में एक कमिटी का निर्माण करे। जिसमें राजस्व अधिकारी, पुलिस अधिकारी, आदिवासी संगठनों, परंपरागत पड़हा समिति/ स्थानीय सरना समिति/ जनप्रतिनिधियों को भी शामिल किया जाय तभी इसका निष्पादन हो सकेगा.

संवाददाता सम्मेलन में सुतियांबे मुड़हर पहाड़ बचाओ अभियान समिति रांची के मुख्य संयोजक लक्ष्मीनारायण मुंडा केंद्रीय धूमकुड़िया अध्यक्ष सुनील टोप्पो , आदिवासी जन परिषद के अध्यक्ष प्रेमशाही मुंडा,पाहन संघ के अध्यक्ष जगदीश पाहन,बारह पडहा कांके के संरक्षक सधन उरांव, केंद्रीय सरना संगोम समिति खूंटी के अध्यक्षा दुर्गावती ओड़ेया, कांके रोड सरना समिति के अध्यक्ष डब्लू मुंडा,वीर बिरसा स्मारक समिति टैगोर हिल मोरहाबादी, रांची के कार्यकारी अध्यक्ष अमित मुंडा, सुतियांबे के पाहन अरविंद पाहन उपस्थित रहे.

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