झारखंड में अपनी साफ सुथरी छवि को लेकर चर्चा में रहे सरयू राय ने ये साबित कर दिया कि वे कहीं से भी चुनाव लड़े जनता उन्हें जरूर चुनेगी. इसका सबसे बड़ा उदाहरण है 2019 और 2024 के चुनाव में देखने को मिला. जमशेदपुर पश्चिम सीट पर अपना वर्चस्व कायम कर चुके सरयू राय ने जब टिकट कटने से नाराज होकर जमशेदपुर पूर्वी से चुनाव लड़ने का ऐलान किया तो सभी हैरान रह गए. लेकिन नतीजे सबके सामने था. उन्होने उस समय के सीएम रघुवर दास को उन्हीं के घर में पटखनी दी और नया कीर्तिमान रचा. झारखंड राज्य गठन के बाद 2005 से 2019 तक लगातार जमशेदपुर पूर्वी से सरयू राय जीतते रहें तो दूसरी ओर जमशेदपुर पश्चिम से सरयू राय चुनावी मैदान में रहे. लेकिन उन्होंने जमशेदपुर पूर्वी से चुनाव भी लड़ा और जीत भी दर्ज की. एक बार फिर वो विधानसभा चुनाव से पहले जदयू में शामिल हो गए. और जीत भी दिलाई. जिसके बाद कहा जाने लगा ईस्ट एंड वेस्ट सरयू राय बेस्ट.
सिलेंडर पर जीते सरयू
इसबार के चुनाव में कहा जा रहा था कि सरयू राय की हार हो जाएगी. क्योंकि वो जिस पार्टी से चुनाव लड़ रहे उसका झारखंड में अस्तित्व नहीं रहा. जनता सिलेंडर चुनाव चिन्ह पर उन्हें स्वीकार नहीं करेगी. लेकिन सरयू राय ने उन लोगों को भी गलत साबित कर दिया.
1995 से जमशेदपुर पूर्वी रहा है बीजेपी का गढ़
1995 से लगातार जमशेदपुर पूर्वी से जीत रही बीजेपी को लेकर कहा जा रहा था कि यहां सिर्फ कमल ही जीत सकता है लेकिन सरयू राय ने मिथक को भी तोड़ दिया और निर्दलीय प्रत्याशी बनकर जीत दर्ज की. 2019 में सरयू राय ने बीजेपी नेता और सीएम रघुवर दास को 16 हजार मतों से हरा दिया.
हेमंत की आंधी भी नहीं बचा पाई बन्ना गुप्ता की विधायकी
वहीं 2024 के चुनाव की बात करें तो जमशेदपुर पश्चिम से हेमंत की आंधी भी झारखंड के स्वास्थ्य मंत्री बनना गुप्ता अपनी विधायकी नहीं बचा पाई. जबकि इस सीट पर 2005 से सरयू राय और बन्ना गुप्ता के बीच मुकाबला देखने को मिलता रहा है. 2005 में जहां बीजेपी से सरयू राय ने जीता तो 2009 में बन्ना गुप्ता ने जीत दर्ज की. 2014 में सरयू राय तो 2019 में बन्ना गुप्ता. वहीं 2024 में एकबार फिर सरयू राय ने जीत दर्ज की है. 2019 का चुनाव देखें तो बन्ना गुप्ता का मुकाबला बीजपी के देवेन्द्र नाथ सिंह से रहा. सरयू राय जमशेदपुर पूर्वी से मैदान में थे.