रांची: क्षेत्रीय कार्यालय ने क्षेत्रीय निदेशक प्रेम रंजन प्रसाद सिंह के मार्गदर्शन और नेतृत्व में 29 अगस्त 2025 को राष्ट्रीय खेल दिवस हर्षोल्लास के साथ मनाया। यह दिवस महान भारतीय हॉकी खिलाड़ी मेजर ध्यानचंद की जयंती पर प्रतिवर्ष मनाया जाता है, जिन्हें “हॉकी के जादूगर” के नाम से जाना जाता है। उन्होनें अपने अद्वितीय कौशल और खेल के प्रति अपने योगदान से भारत को वैश्विक स्तर पर गौरवान्वित किया है। यह दिवस हमारे देश के समृद्ध खेल धरोहर और खिलाड़ियों के उपलब्धियों का प्रतीक है। कार्यक्रम का शुभारंभ करते हुए क्षेत्रीय निदेशक महोदय ने सभी कर्मचारियों को इस विशेष अवसर पर स्वयं को मानसिक रूप से मजबूत एवं भावनात्मक रूप से संतुलित बनने का शपथ दिलाया।
इस सुअवसर पर क्षेत्रीय निदेशक ने बताया कि “हॉकी के जादूगर” कहे जाने वाले और देश के लिए 1928 से 1936 तक लगातार तीन ओलिम्पिक स्वर्ण पदक जीतने वाले मेजर ध्यानचंद सभी देशवासियों एवं खिलाड़ियों के लिए प्रेरणापुंज की तरह हैं। मेजर ध्यानचंद को वर्ष 1956 में भारत सरकार द्वारा, भारत का तीसरा सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार – पद्म भूषण प्रदान किया गया था। मेजर ध्यानचंद ने खेल जगत में अपार योगदान दिया और उनकी खेल प्रतिभा ने भारत को वैश्विक स्तर पर मान्यता दिलाई। यह दिन हमें खेलों के महत्व और उनकी भूमिका को स्मरण कराता है। उन्होनें यह रेखांकित किया कि खेल केवल शारीरिक गतिविधि नही बल्कि जीवन का उत्सव हैं, जिन्हें आत्मसात कर हम अपनी कार्यक्षमता और जीवन की गुणवत्ता दोनों को शिखर तक पहुँचा सकते हैं। उन्होनें यह भी बताया कि यदि हम खेल को अपनी दिनचर्या का अभिन्न हिस्सा बना लें, तो न केवल हमारा स्वास्थ्य और कार्यक्षमता बढ़ेगी, बल्कि जीवन में उत्साह और ऊर्जा निरंतर बनी रहेगी। उन्होनें सभी कर्मचारियों से आह्वान किया कि वे खेल को अपनी जीवनशैली का हिस्सा बनाएँ तथा स्वस्थ, सक्रिय तथा प्रेरणादयी समाज के निर्माण में योगदान दें।
युवा कार्यक्रम एवं खेल मंत्रालय के पत्र अनुसार राष्ट्रीय खेल दिवस से पूर्व सप्ताह में रांची क्षेत्रीय कार्यालय ने अपने कर्मचारियों के लिए बैडमिंटन, टेबल टेनिस, कैरम और शतरंज आदि खेलों का आयोजन किया। इसके अलावा, इस अवसर पर, कार्यालय के अध्ययन मंडल “अनुशीलन ” के तत्वावधान में ‘ संरक्षण, संपोषन, संवर्धन’ सूत्रमंत्र के साथ ‘इन्हें बचायें इन्हें बढ़ायें ’ व्याख्यान शृंखला के तहत कार्यालय में प्रत्येक माह विविध विषयों पर आयोजित होने वाली व्याख्यान शृंखला की एक और कड़ी के रूप में “खेल भावना, दल भावना ” विषय पर व्याख्यान का आयोजन किया गया, जिसमें राज्य की विख्यात हॉकी खिलाड़ी श्रीमती सुमराय टेटे, सावित्री पूर्ति, दयामणि सोय, अल्मा गुरिया और बिस्वासी पूर्ति आमंत्रित थी। क्षेत्रीय निदेशक ने उनके खेल और आत्मबल की सराहना करते हुए उन्हें स्मृति चिन्ह प्रदान कर सम्मानित किया तथा शुभेच्छा जाहिर की कि वे अवश्य भविष्य में राज्य के युवाओं को खेल के प्रति प्रोत्साहित करती रहेंगी।
अनुशीलन मंच के दौरान आमंत्रित खिलाड़ियों ने अपने खेल रुचियों, चुनौतियाँ, प्रेरणाओं और आदर्शों को साझा किया। उन्होनें बताया कि सीमित संसाधनों और कठिन परिस्थितियों के बावजूद निरंतर अभ्यास, अनुशासन और दल भावना ने उन्हें आगे बढ़ने की शक्ति दी। खिलाड़ियों ने यह भी रेखांकित किया कि खेल केवल प्रतिस्पर्धा नहीं, बल्कि संघर्ष से जूझने का साहस, आत्मविश्वास और सकारात्मक सोच का मार्ग प्रशस्त करता है। अपने अनुभवों से उन्होनें सभी को संदेश दिया कि खेलों से मिली खेल भावना और दल भावना को जीवन के हर क्षेत्र में आत्मसात करना चाहिए। खिलाड़ियों ने सभी कर्मचारियों से खेल से जुड़ने और जीवनशैली का हिस्सा बनाने का आह्वान किया।
कार्यक्रम के अंत में, भारतीय रिज़र्व बैंक, राँची ने इस अवसर पर पुरुष और महिला दोनों संवर्गों में बैडमिंटन, टेबल टेनिस, कैरम, शतरंज इत्यादि में आयोजित प्रतियोगितायों के विजेताओं को क्षेत्रीय निदेशक महोदय द्वारा पुरस्कृत किया गया।
क्षेत्रीय निदेशक ने अपने सम्बोधन में रेखांकित किया कि खेल हमें जीत और हार से ऊपर उठकर जीवन जीने की कला सिखाता है। उन्होनें कहा कि खेल व्यक्ति को धैर्यवान, समर्पित और सकारात्मक बनाता है और यही गुण कार्यक्षमता तथा सामाजिक प्रगति के लिए अनिवार्य है। उन्होनें इस मौके पर प्रकाश डाला कि खेल व्यक्ति में दल भावना, परस्पर सहयोग, नेतृत्व क्षमता और संघर्षशीलता जैसे मूल्यों का विकास करता है, जो कार्यक्षेत्र और जीवन दोनों में समान रूप से आवश्यक है। खेल के मैदान में सीखी गयी यही सीख हमें कार्यस्थल पर भी प्रेरित करती है और बेहतर परिणाम लाने में मदद करती है।
