राष्ट्रीय जतरा महोत्सव आज से, दिखेगी आदिवासी मूलवासी संस्कृति और परंपरा
राष्ट्रीय जतरा महोत्सव-2025 शुक्रवार को शुरू होगा. इस महोत्सव में झारखंड की संस्कृति और परंपरा का जलवा दिखेगा.
31 जनवरी और एक फरवरी को आयोजित होने वाले इस महोत्सव में झारखंड, उड़ीसा, पश्चिम बंगाल, आसाम और बिहार और के आदिवासी समुदायों के पारंपरिक भोजन, कला, संस्कृति, साहित्य और हस्तशिल्प का प्रदर्शन किया जाएगा.
राष्ट्रीय जतरा महोत्सव झारखंड के 33 अनुसूचित जनजाति समुदाय के लोगों के बीच सीधा संबंध स्थापित करता है.
आदिवासी सभ्यता और संस्कृति के बारे में जानना है तो पहुंचें रांची, आज से शुरू हो रहा राष्ट्रीय जतरा महोत्सव

रांची के ऐतिहासिक मोरहाबादी मैदान में 31 जनवरी और एक फरवरी को दो दिवसीय राष्ट्रीय जतरा महोत्सव 2025 का आयोजन किया जाएगा. जतरा में मुख्य अतिथि के रूप में राज्य के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के साथ अनुसूचित जनजाति अनुसूचित जाति विभाग के मंत्री चमरा लिंडा, खिजरी विधायक राजेश कच्छप इत्यादि कई गणमान्य उपस्थित होंगे.
राष्ट्रीय जतरा महोत्सव का आयोजन राष्ट्रीय जतरा महोत्सव समिति आयोजन करती है. महोत्सव का मुख्य उद्देश्य आदिवासी समाज के संस्कृत, भाषा, कल्चर, व्यंजन, वाद्ययंत्रों ईत्यादि को बचाना अत्यंत जरूरी है. अनुसूचित जाति के खानपान और उनके परंपराओं को अन्य समुदाय के लोगों के बीच में पहुंचना भी हमारा मकसद है.
उक्त मौके पर मीडिया को संबोधित करते हुए महोत्सव के अध्यक्ष नरेश पाहन ने बताया कि राजधानी रांची के ऐतिहासिक मोरहाबादी मैदान राष्ट्रीय जतरा महोत्सव के लिए सज धज कर महोत्सव के रंग में रंग गई है. आज से इस राष्ट्रीय जतरा महोत्सव की शुरुआत हो रही है. राष्ट्रीय जतरा महोत्सव 2025 का उद्घाटन मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन करेंगे. वहीं भाजपा प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी समापन समारोह के मुख्य अतिथि होंगे.
250 खोडहा दल जतरा में होगा मुख्य आकर्षण का केंद्र

वहीं अमित मुंडा ने कहा कि राष्ट्रीय जतरा महोत्सव का दूसरा वर्ष है और इस वर्ष 33 अनुसूचित जनजाति के लोग अपने अपने खोड़हा दल के साथ इस महोत्सव में हिस्सा लेने पहुंचेंगे वहीं झारखंड के अलावा अन्य पांच राज्यों से कुल 250 खोड़हा दल हिस्सा लेंगे जो अपने आप में ऐतिहासिक होगा. आगे उन्होंने कहा कि हमलोग गांव घर में अक्सर इस तरह के जतरा का आयोजन करते है लेकिन राजधानी रांची में राज्य के 33 अनुसूचित जनजाति समुदाय के लोग एक साथ इतना भव्य जतरा का आयोजन करना अपने आप में ऐतिहासिक है.
मौके पर उपस्थित कार्यकारी अध्यक्ष सूरज टोप्पो ने कहा कि राष्ट्रीय जतरा महोत्सव के माध्यम से विश्व पटल पर हम अपनी पारंपरिक व्यंजन, संस्कृति, शिल्प इत्यादि को पहचान दिलाना और लुप्त होते संस्कृति बचाना हमारा उद्देश्य है.
प्रेस वार्ता में अध्यक्ष नरेश पहान,कार्यकारी अध्यक्ष अर्जुन मुंडा, रवि मुंडा, कोषाध्यक्ष सूरज टोप्पो, विक्की करमाली,मीडिया प्रभारी निरंजन भारती, महासचिव ज्योत्सना करकेटा, अनिल उरांव, राधा हेंब्रम, उपाध्यक्ष अमित मुंडा, मिथिलेश कुमार,राकेश मुंडा,अमित तिर्की,अशोक मुंडा,कोषाध्यक्ष विक्की करमाली,मोहन तिर्की,सचिव अरुण पहान, सलाहकार मानसिंह मुंडा, दीप्तराज बेदीया,सहसचिव दीपक मुंडा,सह कोषाध्यक्ष सुरेश मिर्धा, रिकी नायक, अर्जुन मुंडा, रवि मुंडा सदस्य शीतल तिर्की इत्यादि उपस्थित रहे.