बेरोजगारी, भत्ता और नोकरियों को लेकर आज बीजेपी की ओर से युवा आक्रोश रैली निकली गई है. इस रैली में बड़ी संख्या में युवा सड़क पर उतर आए हैं और सीएम आवास का घेराव करने की कोशिश की. इस दौरान सीएम आवास की सुरक्षा बढ़ा दी गई है. वहीं युवाओं को रोकने के लिए जगह-जगह कंटीले तार लगाई गई है, बैरिकेडिंग की गई है. जिससे तोड़कर जब युवाओं ने आगे बढ़ने की कोशिश की तो पुलिस ने आंसू गैस के गोले दागे. वाटर कैनन का भी इस्तेमाल किया. जिसपर बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने सरकार को घेरा है.
सरकार का अमानवीय चेहरा आाया सामने
बाबूलाल मरांडी ने एक्स पर पोस्ट करते हुए लिखा है आजतक कहीं भी कंटीले तार सिर्फ दो जगह इस्तेमाल हुआ है देश की सीमा पर और दूसरा वन्य प्राणियों की सुरक्षा के लिए….ये पहली बार है कि बेरोजगार युवाओं को रोकने के लिए कंटीले तार लगाए गए हैं. ऐसा ना तो पहले किसी ने देखा है, ना किसी ने सुना है. सरकार में बैठे लोग अपनी सुरक्षा कंटीले तार से कर रहे हैं. ये अमानवीय, शर्मनाक और निंदनीय है. हेमंत जी, आने वाले चुनाव में यही युवा आपको आपके सिंहासन से उखाड़ फेकेंगे.
हम लड़ेंगे साथी, युवाओं की आवाज उठाने के लिए, हम लड़ेंगे साथी, युवाओं को इंसाफ दिलाने के लिए, हम लड़ेंगे साथी, पेपर लीक का जवाब मांगने के लिए, हम लड़ेंगे साथी, 5 लाख नौकरी का हिसाब मांगने के लिए, हम लड़ेंगे साथी, इन खून की एक-एक बूंदों का हिसाब मांगने के लिए, हम लड़ेंगे साथी, हेमंत सरकार को उखाड़ फेंकने के लिए.
डरी हुई है हेमंत सरकार
केंद्रीय कृषि मंत्री और भाजपा के झारखंड प्रभारी शिवराज सिंह चौहान ने भी झारखंड सरकार पर हमला बोला है. शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि हेमंत सोरेन सरकार भाजपा के जन आक्रोश रैली से डर चुकी है और भाजपा के कार्यकर्ताओं को जगह-जगह रोका जा रहा है. हेमंत सोरेन से ना झारखंड संभल रहा है ना पार्टी संभल रही है. हेमंत सोरेन को चेतावनी देते हुए चौहान ने कहा कि बीजेपी कार्यकर्ता ऐसी गीदड़भभकी से डरने वाले नहीं है हम अन्याय के खिलाफ लड़ेंगे, हमारा कार्यकर्ता लड़ेगा.झारखंड की जनता को अहिंसात्मक तरीके से न्याय दिलाकर रहेंगे. हेमंत इस आंदोलन को कुचल नहीं सकती है.
शिवराज सिंह चौहान ने अधिकारियों को भी चेतावनी दी, उन्होंने कहा कि हेमंत सोरेन के इशारे पर जो लोग ऐसा कर रहे हैं वे समझ लें कि यह दो महीने की सरकार है. हम लोकतंत्र का पालन करने वाले लोग हैं हमें तो इंदिरा गांधी नहीं रोक पाई तो हेमंत क्या रोकेंगे.