झारखंड को मिले विशेष राज्य का दर्जा, झामुमो ने 16वें वित्त आयोग से की मांग

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रांची :  झारखंड मुक्ति मोर्चा के कैंप कार्यालय में पार्टी के केंद्रीय महासचिव सुप्रियो भट्टाचार्य ने संवाददाता सम्मेलन कर झारखंड को विशेष राज्य का दर्जा दिये जाने की मांग की है.उन्होंने कहा कि हमारा देश के विकास में अहम योगदान है और बदले में हमें विस्थापन, बीमारी और गरीबी मिली है.

झामुमो ने कहा है कि सारी परिस्थितियां और वास्तिवकता है कि झारखंड को विशेष राज्य का दर्जा मिले. झारखंड बार-बार ना ठगा जाये. उसको उसका अधिकार मिले.

झामुमो महासचिव ने कहा कि झारखंड के लोग खनिज संपदा के कारण कई तरह की परेशानी भी झेलते हैं. खनिज उत्खनन के कारण विस्थापित हो रहे हैं. पलायन करना पड़ रहा है. झारखंड देश के जरूरी संपदा दे रहा है. जादूगोड़ा से यूरेनियम का उत्पादन हो रहा है. इसके रेडिशन से पीढ़ियां प्रभावित हो रही हैं. झारखंडी विनाश स्वीकार कर राष्ट्र निर्माण के प्रति समर्पित है. राष्ट्र निर्माण में सहयोग कर रहा है.

झारखंड की ट्रेनों में पुराने डब्बे लगाये जाते हैं

झामुमो नेता ने कहा कि रेलवे ट्रांसपोर्ट में झारखंड सबसे ज्यादा राजस्व देता है. धनबाद और चक्रधरपुर के बाद नागपुर मंडल का नाम आता है. लेकिन झारखंड को एक अदद रेलगाड़ी नहीं मिलती. झारखंड की ट्रेनों में पुराने डब्बे लगाये जाते हैं. रिजेक्टेड रैक आता है. हमें भी कुछ चाहिए. हमारी प्राकृतिक और भौगोलिक स्थिति पूर्वोत्तर राज्यों की तरह है. हमारे गांव दुर्गम पहाड़ियों में हैं. पूर्वोत्तर की तरह झारखंड को भी योजनाओं में 75 प्रतिशत केंद्रांश मिले. राज्य की योजनाओं में केंद्र 50 प्रतिशत का निवेश करे.

झारखंड के साथ अब तक केवल छल हुआ है,बावजूद राष्ट्र निर्माण में जुटे रहे…

झामुमो नेता ने कहा कि अब तक झारखंड के साथ छल हुआ बावजूद इसके राष्ट्र निर्माण में जुटा है. हमें हर चीज के लिए केंद्र से गुहार लगानी होती है. 1.40 लाख करोड़ रुपये बकाया हमें नहीं मिल रहे हैं. श्री भट्टाचार्य ने कहा कि राज्य सरकार दुर्गम इलाके में पहुंच रही है. आजादी के बाद पहली बार मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन दुर्गम बूढ़ा पहाड़ पहुंचे. आधारभूत संरचना, सीएम स्कूल ऑफ एक्सीलेंस के माध्यम से शिक्षा और सामाजिक सुरक्षा का दायरा बढ़ाया गया है. वहीं हमारे हजारों नौजवान सीमा पर से देश के लिए काम कर रहे हैं.

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