झारखंड के पलामू में बालिक गृह मामले में कई खुलासे हो रहे हैं. बताया जा रहा है कि बालिका गृह का मुख्य आरोपी 72 वर्षीय राम प्रसाद गुप्ता बालिकाओं को अच्छा खाना और कपड़ों का लालच देकर मेदिनीनगर सिटी के सुदना पश्चिमी क्षेत्र के बैंक कॉलोनी मोहल्ला स्थित अपने घर लेकर जाता था और उसके साथ यौन शोषण करता था. राम प्रसाद गुप्ता की पत्नी पैराडाइज होकर बेड पर रहती हैं, इस कारण उन्हें विशेष देखरेख की जरूरत होती है. जिसकी वजह से वह बालिका गृह से बालिका को लेकर जाता था और उसका शोषण करता था. कहा जा रहा है आरोपी कई बच्चियों का शोषण कर चुका है.
रामप्रसाद गुप्ता अपनी बीमार पत्नी की सेवा बालिका-गृह की बच्चियों से कराता था इस दौरान बेहतर खाना और कपड़े का लालच देकर उनका शोषण करता था. मेदिनीनगर सदर के एसडीपीओ ने मंगलवार को घटनास्थल की जांच की. जिसमें यह खुलासा हुआ. इस मामले में शिकायतकर्ता मानवाधिकार कार्यकर्ता संध्या सिन्हा मंगलवार को पुन: एसडीएम सुलोचना मीणा से मिलीं और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की.
बता दें कि जिला बाल संरक्षण पदाधिकारी और जिला संस्थागत देखरेख पदाधिकारी को बालिका गृह की बच्चियों का यौन-शोषण की जानकारी थी. परंतु दोनों ने इस बात की जानकारी वरीय पदाधिकारियों को नहीं दी. इसी को आधार बनाकर दोनों को बर्खास्त करने की प्रक्रिया के तहत जिला प्रशासन ने शो-कॉज किया है और दो दिनों के अंदर जवाब-तलब किया है. दोनों के खिलाफ कार्यवाई करने के लिए उचित कदम उठाए जा रहे हैं. जांच रिपोर्ट में सीडब्लूसी की भूमिका भी संदिग्ध पाई गई है। सीडब्लूसी बालिका गृह की देखरेख करने की जगह, एनजीओ विकास इंटरनेशनल के साथ मिलकर काम कर रही थी.