झारखंड में शून्य पर सिमटी जदयू, क्या सरयू-खीरू के सहारे लगा पाएगी नैया पार ?

झारखंड राजनीति
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बिहार से झारखंड अलग होने के बाद जदयू बिहार में अपना वर्चस्व कायम रखा. लेकिन धीरे-धीरे झारखंड में पकड़ ढ़ीली पड़ गई. विधायक के साथ वोट प्रतिशत भी कम हो गए. 2005 के चुनाव में जहां जदयू ने बेहतर प्रदर्शन कर 18 सीट पर प्रत्याशी उतार कर छह सीटों पर जीत दर्ज की. वोट प्रतिशत भी चार प्रतिशत रहा. वहीं 2009 में भाजपा के साथ गठबंधन कर जदयू 14 सीटों पर चुनाव लड़ी लेकिन 2 सीट ही जीत पाई. वोट प्रतिशत भी 2.78 रहा. वहीं, 2014 के चुनाव में जदयू अपने दम पर झारखंड में 45 से ज्यादा सीटों पर चुनाव लड़ी, लेकिन यहां जदयू का खाता भी नहीं खुला.

झारखंड में जदयू का घटा वोट प्रतिशत

2019 में भी जदयू का जनाधार जब्त हो गया. विधानसभा चुनाव में एनडीए झारखंड में खंड-खंड में विभाजित हो गई जिसका परिणाम यह हुआ बीजेपी तो झारखंड में हारी ही एनडीए के दूसरे सहयोगी दलो का भी बुरा हाल रहा.नीतीश की पार्टी शराबबंदी समेत कई वादों के साथ 40 सीटों पर चुनाव लड़ी, लेकिन सभी सीटों पर हार गई. वोट प्रतिशत में भी गिरावट आई और जदयू को सिर्फ 0.73 प्रतिशत यानि की 1 लाख 10 हजार120 वोट मिलें. हालांकि निर्दलीय विधायक सरयू राय के जदयू में शामिल होने से पार्टी को थोड़ा बल मिला. हालांकि दो बार के विधानसभा में जीरो पर आउट होने वाली जदयू एक बार फिर झारखंड में अपनी पैठ बनाने में जुटी है. इसको लेकर जदयू की कार्यकारिणी बैठक हुई. जिसमें फिर से झारखंड में जदयू को खड़ा करने पर चर्चा की गई.

हर प्रमंडल में होगा कार्यकर्ता सम्मेलन का आयोजन

कार्यकारिणी बैठक की अध्यक्षता जदयू के कार्यकारी राष्ट्रीय अध्यक्ष संजय कुमार ने किया. इस दौरान उन्होंन कहा झारखंड में जदयू का बड़ा जनाधार है पार्टी पूरे दम-खम के साथ आगामी विधानसभा चुनाव लड़ेगी. इसको लेकर तैयारियां शुरू कर दी गई है पार्टी हर प्रमंडल में एक बड़ा कार्यकर्ता सम्मेलन आयोजित करेगी. कार्यकर्ता आगे बढ़े, पार्टी उनके साथ है.

बैठक के बाद संजय झा ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि आगामी चुनाव की तैयारी को लेकर बैठक थी हमारी पार्टी का झारखंड में बड़ा आधार रहा है यहां से हमारे मंत्री और विधायक होते रहे हैं खीरू महतो झारखंड से ही हमारे राज्यसभा के सांसद है. हमें खुशी है कि सरयू राय और खीरू महतो की जोड़ी झारखंड में पार्टी को मजबूत करेगी. इसके साथ ही उन्होंने कार्यकर्ताओं से आग्रह किया कि अगर उन्हें टिकट नहीं मिल पाता है तो वह निराश नहीं हो सरकार बनने के बाद सरकार में उनको उचित सम्मान दिया जाएगा.

इस बैठक में जदयू के प्रदेश अध्यक्ष खीरू महतो, वरिष्ठ नेता सरयू राय, बिहार सरकार के मंत्री और झारखंड प्रदेश प्रभारी अशोक महतो समेत कई लोग मौजूद थे.बता दें कि इसबार जदयू एनडीए के साथ चुनाव लड़ने की तैयारी कर रही है. विधानसभा में नीतीश की पार्टी ने 12 सीटों पर अपनी दावेदारी पेश की है हालांकि बीजेपी की ओर से सीट बंटवारे को लेकर अभी तक कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है.

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