झारखंड की राजनीति में भूचाल आया हुआ है. चंपई के बीजेपी में शामिल होने के कयासों पर विराम लगते ही अलग-अलग पार्टियों में शामिल होने के ऑफर आने लगे हैं. सीएम पद से इस्तीफा देने के बाद चंपई सोरेन ने कहा था कि राजनीति में उनके नए कैरियर की शुरूआत होगी, राजनीति में उन्हें एक अच्छे साथी की तलाश है. झारखंड की जन-जंगल जमीन, गरीबों, शोषितों की बात करने वाली पार्टी हमको मिलता है तो एक नया साथी बनाएंगे. और झारखंड में नया क्रीतिमान बनाने का काम करेंगे. उनके इस बयान के बाद झारखंड की कई पार्टियां उन्हें शामिल करने में लगी हुई है. झारखंड की BAP पार्टी के बाद जदयू की ओर से भी उन्हें बड़ा ऑफर मिला है. झारखंड की गलियारे में चर्चा तेज है कि जल्द ही झारखंड में तीसरे मोर्चे की शुरूआत होगी. कहा जा रहा हे कि झारखंडी भाषा संघर्ष समिति के जयराम महतो,जदयू नेता और बिहार के सीएम नीतीश और झारखंड के पूर्व सीएम चंपई तीनों एक साथ आएंगे. तीनों के साथ आते ही झारखंड की राजनीतिक गलियारों में तीसरे मोर्चे की चर्चा पर विराम लग जाएगा.
झारखंड का उभरता सितारा है जयराम महतो
जयराम महतो झारखंड में उभरता हुआ नौजवान है. वह झारखंड के युवाओं के आइकान बनने की कोशिश कर रहे है. गिरिडीह लोकसभा से उन्होंने चुनाव लड़ा था. और 3 लाख से ज्यादा वोट पड़े थे. इस लोकसभा में हार के बाद भी वह झारखंड में चर्चा में रहें. हालांकि जयराम महतो की पार्टी कोल्हान और संथाल क्षेत्रों में कमजोर है यानि ना के बराबर उनके वहां कार्यकर्ता है. वहीं, चंपई सोरेन की कोल्हान की 14 सीटों पर मजबूत पकड़ है. वह झारखंड के सीएम भी रह चुक हैं. झारखंड अलग राज्य में आंदोलनकारी रहे हैं जिसकी वजह से उन्हें झारखंड का टाइगर भी कहा जाता है. वहीं जदयू वक्त के साथ झारखंड में कमजोर पड़ती जा रही है. वक्त के सात जदयू की वोट प्रतिशत भी कम हो गया है. ऐसे में तीनों साथ आकर एक नया समीकरण बनाएंगे. और झारखंड में तीसरे मोर्चे की शुरूआत होगी.
चंपई को मिला है जदयू से ऑफर
राजनीतिक दृष्टिकोण से देखें तो नीतीश कुमार सत्ता की कुर्सी के लिए कुछ भी कर सकते हैं. राजनीति महत्वकांक्षाओं का जो खेल है एक अपॉर्च्युनिटी है. राजनीति कब किस और करवट लेगी यह किसी को पता नहीं होता है. जदयू में कुछ दिन पहले ही सरयू राय शामिल हुए और उन्होंने भी कहा है कि चंपई सोरेन चाहे तो जदयू का दामन थाम सकते है. और नीतीश के बारे में कहा जाता रहा है कि वह मौसम की तरह बदल जाते हैं वक्त की नजाकत को देखते हुए वह कभी लालू के साथ चले जाते हैं तो कभी भाजपा के साथ. ऐसे में अगर इन्हें लगेगा झारखंड में यह अपनी सरकार बना सकते हैं तो जल्द ही तीसरा मोर्चा बन जाएगा. और इसमें सबसे बड़ा चेहरा चंपई सोरेन का होगा. चंपई झारखंड के सबसे बड़े नेता है उनकी एक अलग पहचान है झारखंड आंदोलनकारी के नेता भी रहे हैं.
नीतीश के साथ हाथ मिलाएंगे चंपई?
झारखंड की राजनीति में लोग चंपई को सुनना चाहते है, उनका डिसीजन जानना चाहते हैं कि वह आगे क्या करेंगे.किधर जाएंगे, क्या निर्णय लेंगे. कोलहान के कितने सीटों पर चुनाव लड़ेगे, क्या वह जयराम के साथ जाएंगे, या नीतीश के साथ जाएंगे, या बीजेपी के साथ. जो पार्टी उन्हें दूध में मक्खी की तरह निकाल कर फेंक दिया. या झामुमो में ही रहेंगे.यह आने वाला समय बताएगा की झारखंड की राजनीति में आगे क्या होगा.