कई वादों के साथ सत्ता में आई झारखंड की हेमंत सोरेन सरकार एक्शन में दिख रही है. हेमंत सोरेन ने पीएसयू पर अब एक्शन लेना शुरू किया है. हेमंत सोरेन ने आदेश जारी किया है कि डिविडेंड नहीं देने वाले पीएसयू को अपने लाभ का अधिकतम 30 प्रतिशत तक देंगे. बता दें कि झारखंड में कार्यरत आठ पीएसयू यानी पब्लिक सेक्टर अंडरटेकिंग ने अपने गठन के बाद से लाभ का डिविडेंड (लाभांश) राज्य सरकार को नहीं दिया है. ऐसे पीएसयू पर अब सरकार ने एक्शन लिया है.
झारखंड में कुल सोलह पीएसयू (उपरोक्त आठ को मिलाकर) ने पिछले तीन सालों से अधिक समय से वैधानिक ऑडिट (स्टेट्यूटरी ऑडिट) रिपोर्ट नहीं दी है, उसे भी सरकार ने रिपोर्ट देने का निर्देश दिया है. 29 नवंबर को प्रोजेक्ट भवन में झारखंड सरकार के स्वामित्व वाले पीएसयू को लेकर एक उच्च स्तरीय समीक्षा बैठक हुई थी। वित्त विभाग के प्रधान सचिव की अध्यक्षता में हुई बैठक में पीएसयू की ऑडिट रिपोर्ट, फाइलिंग, इनके लाभ पर दिए जाने वाले डिविडेंड और ओवर कैपिटलाइजेशन (किसी कंपनी की पूंजी का मूल्य उसकी कुल परिसंपत्तियों से ज्यादा) को वापस लेने पर विस्तृत चर्चा हुई। बैठक में कहा गया है कि ऐसे पीएसयू के निदेशक पर कंपनी अधिनियम के तहत मुकदमा चलाया जा सकता है और जुर्माना भी लगाया जा सकता है.