जंगली जानवर व गिद्ध को भी बचाने के लिए सरकार कदम उठाती है लेकिन आदिवासियों की घटती संख्या पर झारखंड की सरकार खामोश है. यह कहना है बीजेपी नेता और झारखंड प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी का. उन्होंने कहा कि झारखंड के आदिवासियों पर संकट मडरा रहा है संथाल परगना की डेमोग्राफी बदल गई लेकिन सरकार वोट बैंक के लिए कोई कदम नहीं उठा रही है. पिछले पांच सालों से झारखंड की जनता गिद्ध शासन में कैद है.
हेमंत की सरकार में आदिवासियो से सबकुछ छीन गया
बाबूलाल मरांडी ने आगे कहा कि राज्य की वर्तमान सरकार आदिवासियों की जमीन को सुरक्षित करने में असफल रही है संपदा लूटने में असमर्थ झारखंड सरकार भ्रष्टाचार की चादर में लिपटी है. आदिवासियों से सबकुछ छीन गया. बांग्लादेशी घुसपैठ को सर पर बिठाने वाली सरकार को दुनिया गिद्ध नजर आ रही है. यहां की जनता इलाज के अभाव में मर रही है. नौकरी की दौड़ में युवा मर रहे है. दलाल और बिचौलियों के बीच बैठे मुख्यमंत्री के पास अपना कोई मुद्दा नहीं है. जिसके बूते वह वोट मांग सके. पांच लाख नौकरी का वादा कर सरकार में आई हेमंत सरकार के पास बताने के लिए पांच काम तक नहीं है.