
पूर्णिया पूर्व इलाके के मुफस्सिल थाना क्षेत्र के रजीगंज पंचायत के टेटगामा आदिवासी टोला में रविवार की देर रात्रि डायन के शक में एक ही परिवार के पांच लोगों को पीट-पीटकर जिंदा जला दिया गया.
जानकारी के मुताबिक, गांव के ही रामदेव उरांव के बेटे की झाड़-फूंक के दौरान मौत हो गई थी और दूसरे बेटे की तबीयत बिगड़ रही थी. इसी के बाद गांव वालों ने मौत की वजह डायन को मानते हुए एक परिवार को निशाना बनाया.
आरोप है कि बाबूलाल उरांव, सीता देवी, मनजीत उरांव, रनिया देवी और तपतो मोसमत को गांव के लोगों ने पहले बुरी तरह पीटा और फिर उन्हें जिंदा जलाकर मार डाला. सभी मृतक एक ही परिवार से हैं. घटना के बाद गांव में भय का माहौल है और कई लोग अपने घर छोड़कर चले गए हैं. पुलिस मौके पर पहुंच चुकी है और डॉग स्क्वायड व एफएसएल टीम के साथ जांच कर रही है.
एक परिवार के पांच लोगों को जिंदा जलाया
रविवार की रात को यह घटना हुई. कातो देवी (70), उसके बेटा-बहू बाबूलाल उरांव (50) सीता देवी (40), पोता मनजीत (25) उसकी पत्नी रानी (20) की हत्या की गयी. पांचो लोगों को अंधविश्वास में मौत के घाट उतारा गया. दरिंदगी की हद पार करते हुए पहले सबके साथ बेरहमी से मारपीट की गयी. उसके बाद उनके शरीर पर पेट्रोल छिड़क दिया गया. फिर घर के पास ही मकई की पराली लाकर उसमें पांचो को जिंदा फेंक दिया गया. पांचो ने तड़प-तड़प कर दम तोड़ दिया.
मामले से जुड़े एक आरोपी को पुलिस ने किया गिरफ्तार
पुलिस ने इस मामले में एक आरोपी नकुल कुमार को गिरफ्तार किया है, जिस पर जिंदा जलाने के लिए भीड़ को उकसाने का आरोप है. घटना में बचकर निकले मृतक के इकलौते वारिस ललित कुमार ने बताया कि उनके पूरे परिवार को डायन बताकर जला दिया गया. उन्होंने बताया कि हत्या के बाद शवों को पानी में फेंक दिया गया.घटना पर एसपी स्वीटी सहरावत ने बताया कि यह घटना रविवार रात की है. जिस इलाके में यह वारदात हुई वह पूरी तरह से आदिवासी इलाका है. इसके अलावा एसपी ने बताया कि यह मामला झाड़ फूंक और तंत्र-मंत्र से जुड़ा है. चार शवों को पास के तालाब से निकाल लिया गया है, सभी जली अवस्था में है.
घटना पर एसपी स्वीटी सहरावत ने बताया कि यह घटना रविवार रात की है. जिस इलाके में यह वारदात हुई वह पूरी तरह से आदिवासी इलाका है. इसके अलावा एसपी ने बताया कि यह मामला झाड़ फूंक और तंत्र-मंत्र से जुड़ा है. चार शवों को पास के तालाब से निकाल लिया गया है, सभी जली अवस्था में है.
डायन के शक में परिवार को दी खौफनाक मौत!
घटना के बाद से बस्ती के सारे लोग फरार हैं. मृतक परिवार का एक बच्चा सोनू किसी तरह अपनी जान बचा सका. उसे पुलिस को सूचना दी तो पुलिस उस बस्ती में पहुंची. जानकारी मिली है कि टेटगामा आदिवासी टोला में हाल के दिनों में अचानक तीन बच्चों की मौत हो गयी थी. इसे लेकर अंधविश्वास बस्ती के लोगों में कायम हो गया था. मृतक परिवार पर डायन होने और झाड़-फूंक करने का शक होने पर इस घटना को अंजाम दिया गया. हालांकि पुलिस मामले की जांच कर रही है.
शव को ट्रैक्टर में लोड करके ठिकाने लगाया
जब पांचो लोगों की मौत हो गयी तो बाद में एक ट्रैक्टर पर सारे शव लोड किए गए. मृतकों के घर से करीब दो किलोमीटर दूर ले जाकर बहियार में उनके शव को फेंक दिया गया. शवों को जलकुंभी से भरे चाप में ठिकाने लगाया गया था. शाम में पुलिस ने सभी शव को जब्त किया. बताया जा रहा है कि शव को ठिकाने लगाने के लिए ट्रैक्टर का 40 हजार भाड़ा दिया गया था.