सिपाही दौड़: अभ्यर्थियों की मौत ने लिया सियासी रंग, राजनीतिक रोटियां सेकने में जुटे पक्ष-विपक्ष

सिपाही दौड़: अभ्यर्थियों की मौत ने लिया सियासी रंग, राजनीतिक रोटियां सेकने में जुटे पक्ष-विपक्ष

झारखंड
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झारखंड में विधानसभा सभा चुनाव होने वाला है. गठबंधन सरकार को शिकस्त देने के लिए बीजेपी हर मुद्दे को भुनाने में लगी है. युवाओं की नौकरी और रोजगार के साथ हेमंत के वादों के खिलाफ रैली निकालकर हेमंत सरकार को घेरने की कोशिश की थी. यह मामला ठंढ़ा भी नहीं पड़ा की बीजेपी सिपाही परीक्षा दौड़ में हुई मौत को भुनाने में जुट गई है. अभ्यर्थियों के मौत का मुद्दे झारखंड में सियासी रूप ले चुका है. बीजेपी इसे मौत की रेस बताते हुए हेमंत सरकार पर हमलावर है तो दूसरी ओर हेमंत सोरेन अभ्यर्थियों के मौत के लिए बीजेपी को जिम्मेदार बता रही है. हेमंत सरकार का कहना है कि मौत सिर्फ दौड़ से नहीं हो रही है इसकी वजह कोरोना वैक्सिन है. दुनिया के देशों ने कोरोना के वैक्सिन पर प्रतिबंध लगा दिया तो वहीं हमारे देश में जबरदस्ती टीका लगाई गई. नतीजा यह हुआ आज देश के अंदर हर युवा वर्ग के लोग मर रहे हैं. बच्चे, बुर्जुग ही नहीं जवान लड़के-लड़कियां अचानक चलते चलते या खांसी से मर जा रहे हैं.

युवा मर रहे….सरकार जश्न मना रही

वहीं दूसरी ओर बीजेपी अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी झारखंड सरकार को इसके लिए जिम्मेदार ठहरा रही है. बाबूलाल मरांडी का कहना है कि सरकार का गलत निर्णय के कारण दौड़ते-दौड़ते होनहार युवा मौत की आगोश में समा जा रहे हैं.
और सरकार दिल्ली में जश्न मना रही है नाच रही है. उन्होंने आगे कहा कि सरकार बालू घाटों को मुंबई-दिल्ली के दलाल बिचौलियों को सौंप दी है. जबकि लघु खनिज, बालू हाडट, बाजार जैसे संसाधनों पर ग्राम सभा का अधिकार होना चाहिए. मेरे कार्यकाल में सरकार ने ऐसा ही निर्णय लिया था.

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