झारखण्ड विधान सभा सभागार में षष्ठम् झारखण्ड विधान सभा के माननीय सदस्यों हेतु आयोजित प्रबोधन-सह-प्रशिक्षण कार्यक्रम में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन सम्मिलित हुए। मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर संबोधित करते हुए कहा कि विधानसभा भवन लोकतंत्र का सबसे बड़ा मंदिर है। यहां किसी धर्म, जाति या व्यक्ति के साथ भेदभाव नहीं होता है। इस सदन में भले हम पक्ष या विपक्ष के लोग व्यक्तिगत रूप से अलग-अलग विचार रखते हो, परंतु इस लोकतांत्रिक व्यवस्था से एक ऐसी मार्ग प्रशस्त होती है जहां सभी को सदन में स्वागत के भाव से आमंत्रित किया जाता है। सभी माननीय सदस्य जनहित से जुड़े मुद्दों को सदन के समक्ष रखते हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि लोकतंत्र के इस मंदिर की गरिमा और भव्यता किसी धर्म से अछूता नहीं है। यहां सभी धर्म समुदाय के हक अधिकार की आवाज गूंजती है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि सीखने की कोई उम्र नहीं होती। जो भी इस सदन में आते हैं वे सीखते भी हैं, जन आकांक्षाओं को पटल पर रखते भी हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि आज हमारी सरकार दृढ़ संकल्प के साथ आगे बढ़ रही है। सदन की कार्यवाही में सभी माननीय सदस्यों को साथ लेकर चलते हुए इस राज्य को समृद्ध तथा विकसित बनाने हेतु संकल्प के साथ आगे बढ़ने की जरूरत है। सभी माननीय सदस्य राज्य के विकास के लिए अपनी भूमिका का निर्वहन करेंगे ऐसा मुझे पूरा विश्वास है।

कार्यक्रम में उपसभापति, राज्यसभा श्री हरिवंश, विधानसभा अध्यक्ष श्री रबीन्द्र नाथ महतो, संसदीय कार्य मंत्री श्री राधा कृष्ण किशोर सहित माननीय मंत्रीगण, माननीय विधायकगण, झारखंड विधानसभा के प्रभारी सचिव श्री मानिक लाल हेंब्रम, पी. आर. एस श्री चक्षु राय समेत कई गणमान्य मौजूद रहे।