झारखंड में विधानसभा चुनाव का ऐलान के साथ ही दल-बदल का खेल शुरू हो गया है. टिकट नहीं मिलने से कई नेताओं ने पार्टी से बगावत कर दूसरी पार्टी को ज्वाइन कर लिया. इसको लेकर झामुमो नेता और सीएम हेमंत सोरेन के भाई बसंत सोरेन का बयान सामने आया है. बसंत सोरेन ने कहा हम प्रतिद्वंव्दी कहीं नहीं थे. यह एक कोरम होता है जिसका सामना सबको करना हता है. कल जो विपक्ष में थे आज साथ में है. किसी की निजी दुश्मनी तो है नहीं, हम लोगों की एक-दूसरे से. ये तो राजनीतिक है जिसको जहां अच्छा लगता है जिसकी विचारधारा पसंद आती है वह वहां जाएगा. जिसको हमारे सिद्धांत पसंद नहीं थे वो चले गए, जिन्हें हमारे विचार पसंद आगए वो हमारी पार्टी में आ गए. हाल के दिनों में काफी लोग हमारी पार्टी में शामिल हुए. इससे पार्टी को मजबूती मिलेगी. कोई घर में आ रहा है तो स्वागत है उनका और उससे आपको बल मिलता है.
बीजेपी के कई नेताओं ने थामा झामुमो का हाथ
झारखंड के पूर्व सीएम चंपाई सोरेन के बीजेपी में शामिल होने के सवाल पर बसंत सोरेन ने कहा वो हमारे गार्जियन थे और अब भी हैं, और उम्मीद है वो जल्द ही वापसी करेंगे. हमें दुख है कि वो दूसरे दल में हैं उम्मीद है जल्द घर लौट आएंगे. बता दें कि टिकट कटने से नाराज 21 अक्टूबर को बीजेपी से नाराज होकर लुईस मरांडी, कुणाल सारंगी और लक्ष्मण टुडू बीजेपी में शामिल हो गए. इससे दो दिन पहले केदार हाजरा और आजसू पार्टा के उमाकांत रजक भी झामुमो में शामिल हुए थे. जबकि 28 अगस्त को चंपाई सोरेन ने झामुमो से इस्तीफा दिया था और 30 अगस्त को बीजेपी में शामिल हो गए. उन्होंने झामुमो पर खुद को अपमानित करने का आरोप लगाया था. बता दें कि झारखंड में दो चरणों में विधानसभा चुनाव हो रहा है पहले चरण का चुनाव 13 नवंबर को होगा तो दूसरे चरण का चुनाव 20 नवंबर को. 23 नवंबर को मतगणना होगी.