भाजपा को देशवासियों के दर्द का है अहसास तो पार्टी से निकालें सांसद निशिकांत दुबे को:  विनोद कुमार पांडेय

झारखंड
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रांची: झारखंड मुक्ति मोर्चा (जेएमएम) के वरिष्ठ नेता विनोद कुमार पांडेय ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सांसद निशिकांत दुबे के उस घृणास्पद और शर्मनाक कृत्य की कड़े शब्दों में निंदा की है, जिसमें उन्होंने गुलमर्ग, कश्मीर में अपनी 25वीं शादी की सालगिरह को वीवीआईपी सुरक्षा की आड़ में एक अय्याशी भरे तमाशे में बदल दिया।

14 अप्रैल 2025 को आयोजित यह शाही जलसा सत्ता के नशे, जनता के प्रति घोर असंवेदनशीलता और भाजपा की जनविरोधी नीतियों का वह काला चेहरा है, जिसे अब कोई ढंक नहीं सकता। जब कश्मीर आतंकी खतरों की चपेट में था, तब भाजपा के सांसद निशिकांत दुबे सरकारी संसाधनों का दुरुपयोग कर अपनी निजी खुशियों का जश्न मना रहे थे।

यह जनता के खून-पसीने की कमाई और देश की सुरक्षा के साथ खुला विश्वासघात है। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी समेत उनके तमाम वैसे भोंपूओं को इसपर भी अपना विचार व्यक्त करना चाहिए, जो रोज झारखंड में आदिवासी युवा मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन जी की सरकार के बारे में अनर्गल प्रलाप करते हैं। लेकिन यह सच्चाई है कि उनकी आवाज इस मामले में नहीं उठने वाली है। निशिकांत दुबे तो सुप्रीम कोर्ट को भी अपने ठेंगे पर रखते हैं। वे संविधान को नहीं मानते और मनुस्मृति को देश में लागू करना चाहते हैं।
पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकी हमले ने 26 मासूम पर्यटकों की जान छीन ली, लेकिन निशिकांत दुबे और उनकी पार्टी का बेशर्म रवैया देखिए – जहां आम नागरिक दहशत और शोक में डूबे थे, वहीं यह भाजपा के सांसद अपनी सालगिरह की तस्वीरें सोशल मीडिया पर ठसक के साथ बांट रहे थे। झारखंड मुक्ति मोर्चा (जेएमएम) के वरिष्ठ नेता विनोद कुमार पांडे ने पूछा है कि क्या यही है भाजपा का “सबका साथ, सबका विकास”? यह तो साफ है कि इनके लिए “नेता प्रथम, जनता अंतिम” ही असली नीति है। गुलमर्ग में वीवीआईपी सुरक्षा का यह घिनौना दुरुपयोग उस समय हुआ, जब देश का आदिवासी, किसान और मजदूर, दलित, पिछड़ा, अल्पसंख्यक और आर्थिक तौर पर पिछड़ा समुदाय बेरोजगारी, महंगाई और भाजपा की लूट-खसोट की नीतियों से त्रस्त है।

निशिकांत दुबे, क्या आप अपने गोड्डा संसदीय क्षेत्र के मतदाताओं को यही जवाब देंगे कि आपकी शाही जिंदगी उनकी बदहाली से ज्यादा कीमती है? झारखंड मुक्ति मोर्चा (जेएमएम) के वरिष्ठ नेता विनोद कुमार पांडेय ने कहा कि भाजपा की नीतियां शुरू से ही पूंजीपतियों और अपनी तिजोरी भरने की रही हैं। कश्मीर में सुरक्षा तंत्र का दुरुपयोग हो या झारखंड में अपने 18 साल के शासन में खनिज संपदा की लूट, भाजपा ने हमेशा जनता के हितों को कुचला है। निशिकांत दुबे का यह कृत्य उनकी पार्टी की उस मानसिकता का प्रतीक है, जो आम आदमी को कीड़ा-मकौड़ा समझती है। दूसरी ओर, आदरणीय मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के नेतृत्व वाली झारखंड सरकार ने हर कदम पर जनता के हितों को प्राथमिकता दी है। चाहे वह मुख्यमंत्री मंईयां सम्मान योजना हो, या “आपकी योजना, आपकी सरकार, आपके द्वार” हो या आदिवासियों और किसानों के लिए कल्याणकारी योजनाएं। आदरणीय श्री हेमंत सोरेन जी की सरकार ने साबित किया है कि सत्ता जनसेवा का माध्यम है, न कि निजी ऐशो-आराम का। जहां भाजपा के नेता वीवीआईपी सुरक्षा में अय्याशी करते हैं, वहीं हेमंत सोरेन की सरकार गांव-गांव जाकर जनता की समस्याएं सुलझाती है।

झारखंड मुक्ति मोर्चा (जेएमएम) के वरिष्ठ नेता विनोद कुमार पांडेय ने कहा कि जेएमएम इस बेशर्मी के खिलाफ चुप नहीं बैठेगा। हम मांग करते हैं कि निशिकांत दुबे इस घृणित कृत्य के लिए तत्काल माफी मांगें और इस मामले की स्वतंत्र जांच हो। भाजपा को समझ लेना चाहिए कि उनकी जनविरोधी नीतियां अब जनता की अदालत में बेनकाब हो चुकी हैं। झारखंड की जागरूक जनता और जेएमएम मिलकर इस सत्ता के अहंकार को चूर-चूर करेंगे। आदरणीय श्री हेमंत सोरेन जी के नेतृत्व में हम एक ऐसे झारखंड का निर्माण करेंगे, जहां जनता की आवाज सर्वोपरि होगी और सत्ता का दुरुपयोग करने वालों को कठघरे में खड़ा किया जाएगा

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